Swami Chinmayanand Case : चिन्मयानंद व छात्रा की जमानत याचिका खारिज, अब हाई कोर्ट में करेंगे अपील
दुष्कर्म के आरोप में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद व उनसे रंगदारी मांगने की आरोपित छात्रा की जमानत याचिकाएं सोमवार को खारिज हो गईं।
शाहजहांपुर, जेएनएन। दुष्कर्म के आरोप में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उनसे रंगदारी मांगने की आरोपित छात्रा की जमानत याचिकाएं सोमवार को खारिज हो गईं। दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद देर शाम जिला जज रामबाबू शर्मा ने फैसला सुनाया। दोनों पक्ष अब हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।
दोपहर को छात्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई। उसके वकील अनूप त्रिवेदी ने कहा कि चिन्मयानंद की ओर से दबाव बनाने के लिए रंगदारी का मुकदमा छात्रा पर किया गया। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर को एक वीडियो वायरल हुआ जिसे रंगदारी प्रकरण से जुड़ा बताया जा रहा था, जबकि इससे पहले दस सितंबर को भी एक वीडियो वायरल हुआ था। 26 सितंबर को वायरल वीडियो 10 सितंबर के वायरल वीडियो का ही हिस्सा है। वकील ने तर्क दिया कि जब रंगदारी के सभी आरोपित जेल में हैं तो वीडियो कौन वायरल कर रहा। यानी छात्रा के खिलाफ साजिश की जा रही है।
जिला शासकीय अधिवक्ता अनुज सिंह ने छात्रा की चिन्मयानंद व संजय सिंह से हुई बातचीत का हवाला दिया। कहा कि रंगदारी के एक अन्य आरोपित संजय को की गईं 4200 कॉल से लगता है कि रंगदारी योजना बनाकर मांगी गई। जिला जज रामबाबू शर्मा ने उनके तर्कों से सहमति जताते हुए छात्रा की जमानत निरस्त कर दी।
इसके बाद चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर बहस हुई। उनके अधिवक्ता मनेंद्र सिंह ने पांच करोड़ की रंगदारी के मुकदमे का हवाला देते हुए कहा कि आरोपितों को जब कार्रवाई की जानकारी हुई तो उससे बचने के लिए दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। चिन्मयानंद से छात्रा ने फोन पर सौदेबाजी भी की। चिन्मयानंद को लेकर जो वीडियो वायरल हुए, इस पर उन्होंने कहा कि वीडियो गलत भी हो सकता है। चिन्मयानंद को एक आंख से दिखाई नहीं देता है। वह 73 वर्ष के हैं। छात्रा ने ऑनलाइन कैमरे वाला चश्मा मंगाने की बात भी कही, जिससे साबित होता है कि उनको फंसाने की प्लानिंग की गई।
इस पर जिला शासकीय अधिवक्ता अनुज सिंह ने कहा कि छात्रा के 161 व 164 के बयान दिए हैं। नहाते समय वीडियो बनाकर कर उसको दुष्कर्म के लिए धमकाने, अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जबरन कैंपस में रोकने की बात कही है। गार्ड व अन्य लोगों के बयानों में भी आया है छात्रा को दिव्यधाम में आते-जाते देखा गया। उनके तर्कों से सहमत होकर जिला जज ने चिन्मयानंद की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने कहा कि हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे। पूरी उम्मीद है कि उनको राहत मिलेगी। उन पर छात्रा ने जो भी आरोप लगाए हैं वे झूठे हैं।
चिन्मयानंद व दुष्कर्म पीड़ित छात्रे दोनों हैं जेल में
लॉ छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में घिरे पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को 20 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। एसआइटी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा भी उनसे पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में फंस गई है। एसआइटी ने छात्रा को 25 सितंबर को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया था, जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में तीन अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।