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विधायक की पाठशाला में फेल हुए बच्‍चे, BSA ने टीचर को सस्‍पेंड किया Gorakhpur News

गोरखपुर में भाजपा विधायक की पाठशाला में प्राइमरी के बच्‍चे फेल हुए तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने संबंधित स्‍कूल के टीचर को सस्‍पेंड कर दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 02:25 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 09:49 PM (IST)
विधायक की पाठशाला में फेल हुए बच्‍चे, BSA ने टीचर को सस्‍पेंड किया Gorakhpur News
विधायक की पाठशाला में फेल हुए बच्‍चे, BSA ने टीचर को सस्‍पेंड किया Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। भाजपा विधायक की पाठशाला में प्राइमरी के बच्‍चे फेल हुए तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने संबंधित स्‍कूल के टीचर को सस्‍पेंड कर दिया। मामला गोरखपुर नगर क्षेत्र का है। गोरखपुर नगर के विधायक डाक्‍टर राधा माेहन दास अग्रवाल गोरखपुर के एक प्राइमरी स्‍कूल में पहुंचे और पहले बच्‍चों को पढ़ाना शुरू किया, उनके साथ मिड डे मील का भोजन किया और फ‍िर उनकी परीक्षा लेनी शुरू की। आश्‍चर्य यह कि कक्षा पांच के बच्‍चे ब्‍लैक बोर्ड पर हिंदी में 127 और 49 तक नहीं लिख पाए। इस पर विधायक ने अपने साथ चल रहे नगर शिक्षा अधिकारी से स्‍कूल  के टीचर को सस्‍पेंड करने को कहा। देर शाम तक बीएसए ने टीचर को सस्‍पेंड कर दिया।

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हिंदी तक नहीं लिख पाए बच्‍चे

नगर विधायक साेमवार को नगर शिक्षा अधिकारी को अपने घर बुलाया और उन्हें बिना बताए वार्ड संख्या-3 के डिभिया स्थित प्राथमिक विद्यालय में पहुंच गए। विधायक यह देखकर दंग रह गये कि विद्यालय में सिर्फ 30 बच्चे ही उपस्थित थे, जबकि पंजीकृत बच्चों की संख्या 72 थी। रजिस्टर देखने से पता चला कि कक्षा 3 में पंजीकृत 17 बच्चों की संख्या कक्षा 5 में घटकर 8 पंहुच गई, अर्थात ड्राप-आऊट रेट 55 फीसद थी।

नगर विधायक ने कक्षा 5 के बच्चों को बोर्ड पर 127 और 49 लिखने को कहा। 75 फीसद बच्चे ऐसा नहीं कर पाये। यही नहीं 75 फीसद बच्चे गुणा-भाग करना तो दूर घटाना का तरीका भी नहीं जानते थे और बचे बच्चों को भी ठीक से घटाना करने नहीं आया। नगर विधायक ने उन्हीं बच्चों से सामान्य हिन्दी के वाक्य और शब्द लिखने को कहा। एक बच्ची को छोड़कर शेष सरल और आसान हिन्दी में शब्द और वाक्य भी नहीं लिख पाए।

बच्‍चों के साथ मिड डे मील खाया

नगर विधायक ने बच्चों को अंकगणित पढ़ाया और हिन्दी लिखना सिखाया। उसके बाद बच्चों को पौष्टिक आहार का मतलब समझाया तथा स्वयं राष्ट्र गान गाकर उन्हें जन-गन-मन गाने का तरीका सिखाया।

विधायक ने बच्चों के साथ मिड-डे मील भी ग्रहण किया और खाने की गुणवत्ता की प्रशंसा की। नगर विधायक के पूछने पर प्रधानाध्यापिका ने अपना वेतन 77 हजार रुपये तथा रसोइए ने 15 हजार रुपये बताया। विधायक ने शिक्षिका को यह कहकर डांट लगाई कि सिर्फ 15 सौ पाने वाली रसोइया अपना काम इमानदारी से कर रही है लेकिन 77 हजार प्रतिमाह वेतन पाने वाली शिक्षिका लापरवाह है।

बीएसए ने की कार्रवाई

नगर विधायक ने नगर शिक्षा अधिकारी से अपना आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि भारत सरकार के नीति आयोग की इस साल की रिपोर्ट में बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में देश के सभी प्रदेशों में सबसे निचले पायदान पर दर्शाया गया है।

आज इस विद्यालय में शिक्षा का स्तर उससे अधिक शर्मनाक है। उन्होंने नगर शिक्षा अधिकारी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को तुरंत सस्पेंड कर देने की सलाह दी। देर शाम बीएसए ने स्‍कूल की प्रधानाध्यापिका दुर्गावती देवी को सस्पेंड कर दिया। निरीक्षण के दौरान भाजपा नेता शत्रुघन मिश्र, अभिलाष शाही, देवेन्द्र पासवान, धीरज श्रीवास्तव, अजय कुमार, सुनील भारती आदि उपस्थित थे।


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