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Maharashtra: डोंबिवली में प्रदूषण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिये खास निर्देश

महाराष्ट्र के डोंबिवली में रिहायशी इलाकों में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए उद्योगों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 10:49 AM (IST)
Maharashtra: डोंबिवली में प्रदूषण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिये खास निर्देश
Maharashtra: डोंबिवली में प्रदूषण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिये खास निर्देश

मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने गुरुवार को कहा कि डोंबिवली (Dombivl) के रिहायशी इलाके में प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकार्इयों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए ठाकरे ने संबंधित अधिकारियों को प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों को स्थानांतरित करने के लिए नई जगह तलाशने के लिए 15 दिन का समय दिया है। मुख्यमंत्री ठाकरे कल्याण में थे, जहां उन्होंने नागरिक निगम, एमआइडीसी, एमपीसीबी (Maharashtra Pollution Control Board) सहित विभिन्न विभागों के साथ एक बैठक की, और प्रदूषणकारी इकाइयों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।

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स्थानीय निवासियों की शिकायतें रही हैं कि डोंबिविली में उद्योगों से निकलने वाले रसायन सड़कों पर फैल जाते हैं और प्रदूषण का कारण बनते हैं। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से इस बारे में जांच करने और आवासीय क्षेत्रों में स्थित उद्योगों का निरीक्षण करने के लिए कहा है।

उन्होंने एमपीसीबी अधिकारियों को ठाणे जिले में स्थित मुंबई के सहायक उपनगर डोंबिविली के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कारखानों का निरीक्षण करने के लिए भी कहा। ठाकरे ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले इन कारखानों को रोकने के लिए एमपीसीबी के निर्देशों के अनुसार सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आवासीय क्षेत्रों में स्थित ऐसी इकाइयां हैं जहां लोगों को प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रहीं हैं, उन्हें दूर स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि औद्योगिक और रिहायशी इलाकों के सामने एक और समस्या रासायनिक कचरे की पुरानी और क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों की है जो सड़कों पर निकलती हैं और प्रदूषण का कारण बनती हैं। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसी पाइपलाइनों का निरीक्षण करें जिससे इस समस्या का समाधान किया जा सके। इस समस्या से निपटने के लिए महाराष्ट्र  सरकार ने 100 करोड़ रुपये की राशि मंजूर करने की घोषणा की है।

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