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सरगुजा से लेकर बस्तर तक छत्तीसगढ़ रहा बंद, सरकार हैरान

अस्पताल, मेडिकल स्टोर और मिल्क पार्लर को बंद से बाहर रखा गया था। अधिकांश जिलों में पेट्रोल पंप और निजी स्कूल तक बंद रहे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 08:52 PM (IST)
सरगुजा से लेकर बस्तर तक छत्तीसगढ़ रहा बंद, सरकार हैरान

रायपुर/बिलासपुर, नईदुनिया, राज्य ब्यूरो।  पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस के भारत बंद का छत्तीसगढ़ में खासा असर दिखा। भाजपा की प्रभाव वाली व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था चेम्बर ऑफ कॉमर्स के समर्थन की वजह से अंबिकापुर से बस्तर तक दुकानें स्वत: स्फूर्त बंद हो गईं और सरकार हैरान रह गई।

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प्रदेश के कई इलाकों में पान ठेले और चाय की गुमटियां तक नहीं खुलीं। अस्पताल, मेडिकल स्टोर और मिल्क पार्लर को बंद से बाहर रखा गया था। अधिकांश जिलों में पेट्रोल पंप और निजी स्कूल तक बंद रहे। ट्रांसपोर्ट संघों और ऑटो संघ ने भी कांग्रेस का साथ दिया। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई। राजधानी में सिटी बस सेवा प्रभावित होने से सरकारी दफ्तरों के कामकाज पर असर पड़ा।

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कांकेर जिले के चारामा में कांग्रेस जिलाध्यक्ष भुनेश्वर नागराज पर दुकान बंद कराने के लिए सराफा व्यवसायी से मारपीट करने का आरोप लगा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा प्रदेश में कहीं से किसी अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है। बंद को सफल बनाने के लिए सुबह पांच बजे से कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता सड़कों पर निकल गए। राजधानी रायपुर में शॉपिंग मॉल भी दोपहर तीन बजे के बाद खुले।

बंद का दुर्ग संभाग में व्यापक असर रहा। दुर्ग संभाग के बेमेतरा जिले में कारोबारियों ने तीज का त्योहार होने के बावजूद दुकानें आंशिक रूप से बंद रखीं। कांकेर जिले के चारामा, भानुप्रतापपुर, पखांजूर, अंतागढ़ में सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। बस्तर के कई कस्बों में सोमवार का साप्ताहिक बाजार भी नहीं लगा। दंतेवाड़ा मे कांग्रेसियों ने दंतेश्वरी मंदिर परिसर की नारियल-फूल की दुकानें तक बंद करा दी। इससे दर्शनार्थियों को परेशानी हुई। बिलासपुर संभाग में बंद का मिलाजुला असर रहा। कोरबा, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले में बंद का खासा असर देखने को मिला।

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दोपहर तीन बजे के बाद बाजार खुलने शुरू हुए। गांधीवादी तरीके से कराया बंद राजधानी रायपुर, बिलासपुर, धमतरी समेत कई शहरों कांग्रेसी घोड़ा, बैलगाड़ी और साइकिल पर सवार होकर बंद कराते दिखे। चारामा की एक घटना को छोड़कर और कहीं से भी बंद के लिए जोर-जबरदस्ती की सूचना नहीं मिली। बल्कि राजधानी में कांग्रेसियों ने गांधीवादी तरीके से दुकानदारों को फूलमाला पहनाकर दुकान बंद करने की अपील की।

बड़े नेताओं ने संभाला मोर्चा राजधानी में पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल व विधायक सत्यनारायण शर्मा खुद घूमते रहे। सरगुजा में नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, जगदलपुर में प्रदेश प्रभारी डॉ. अस्र्ण उरांव, बिलासपुर में प्रदेश प्रभारी डॉ. चंदन यादव, कोरबा में डॉ. चरणदास महंत, अभनपुर में धनेंद्र साहू, साजा में रविंद्र चौबे, कवर्धा में मोहम्मद अकबर और अन्य वरिष्ठ नेता अपने-अपने क्षेत्र में मोर्चा संभाले रहे।  


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