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CAA UP Protest : यूपी में गोरखपुर से गाजियाबाद तक हालात बेकाबू, हिंसा में 11 लोगों की गई जान

CAA UP Protest सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के दावों के बीच जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 09:01 AM (IST)
CAA UP Protest : यूपी में गोरखपुर से गाजियाबाद तक हालात बेकाबू, हिंसा में 11 लोगों की गई जान
CAA UP Protest : यूपी में गोरखपुर से गाजियाबाद तक हालात बेकाबू, हिंसा में 11 लोगों की गई जान

लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में लखनऊ और संभल में गुरुवार को हिंसा के बाद पुलिस व खुफिया इकाइयों को जो आशंका थी शुक्रवार को वही हुआ। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के दावों के बीच जुमे की नमाज के बाद सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए। कानपुर नगर, फीरोजाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, गोरखपुर, बिजनौर, हापुड़, सहारनपुर, अमरोहा, बहराइच, बरेली, मुजफ्फरनगर समेत करीब 15 जिले सुलग उठे। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और 50 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन कई मौकों पर बेकाबू भीड़ के आगे उसे कदम पीछे भी हटाने पड़े।

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हिंसा के दौरान 11 व्यक्तियों की मौत हुई है। इनमें मेरठ में तीन, बिजनौर व फीरोजाबाद में दो-दो, वाराणसी, कानपुर, मुजफ्फरनगर व सम्भल में एक-एक जान गई है। करीब 15 जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। इनमें बिजनौर में दो, मेरठ, फीरोजाबाद, कानपुर व संभल में एक-एक व्यक्ति की जानें गई हैं। करीब 15 जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। लखनऊ में गुरुवार को हिंसा के दौरान एक युवक की जान गई थी। दो दिनों में अब प्रदेश में हिंसा के दौरान मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। शुक्रवार को हिंसा के दौरान बिजनौर में एक सिपाही के पेट में गोली लगी, जबकि मेरठ में दो सिपाही गोली लगने से घायल हुए हैं।

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को विभिन्न जिलों में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने त्वरित निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए 667 आरोपितों को हिरासत में लिया गया है, जिनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है। हिंसा के दौरान कुल 38 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बाधित करा रखा है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को हुई हिंसा के बाद डीजीपी ओपी सिंह समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को तलब कर सुरक्षा के कड़े निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने देर रात वीडियो कांफ्रेंसिंग करके भी कहीं भी हिंसा न होने देने की बात कही थी। डीजीपी गुरुवार रात को लखनऊ में पुलिस बंदोबस्त का जायजा लेने निकले थे और सभी जिलों में पूरी मुस्तैदी बरतने के निर्देश दिए गए थे। लखनऊ में टीले वाली मस्जिद के पास व अन्य संवेदनशील स्थानों पर पुलिस के साथ पीएसी व अर्द्धसैनिक बल के जवान मुस्तैद थे। पुलिस की सख्ती का असर लखनऊ में तो रहा, लेकिन कई अन्य जिले उबल पड़े। पुलिस के बंदोबस्त काफी साबित नहीं हुए। जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव व वाहनों में आगजनी की घटनाएं शुरू हो गईं।

मेरठ में जुमे की नमाज के बाद कोतवाली थाने पर उपद्रवियों ने सीओ और सिपाही पर पर पथराव कर दिया और इस्लामाबाद चौकी में आग लगा दी। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि एक उपद्रवी को मरणासन्न हालत में उसके साथी ही उठाकर ले गए। छह पुलिसकर्मी भी पथराव और फायरिंग में घायल हुए हैं। मुजफ्फरनगर में उन्मादी भीड़ ने पथराव, पेट्रोल की बोतलें फेंकी। देना बैंक की शाखा को आग के हवाले कर दिया। पुलिस, पीएसी और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी। हिंसा में नूरा निवासी किदवईनगर की मौत हो गई।

फीरोजाबाद में जामा मस्जिद में नमाज अदा होने के बाद शहर में जमकर उपद्रव हुआ। नारखी इंस्पेक्टर ब्रजेश सिंह के साथ मारपीट कर उनकी पिस्टल लूट ली। भीड़ ने नालबंद चौकी के बाहर खड़े आधा दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बेकाबू भीड़ ने नालबंद चौकी में आग लगा दी। पुलिस को कई बार हवाई फायरिंग करनी पड़ी। भीड़ की ओर से भी फायरिंग हुई। इस बीच गोली लगने से मोहम्मदगंज मोहल्ले के नवीजान (27) की मौत हो गई। फीरोजाबाद की हिंसा में देर रात राशिद (24) पुत्र कल्लू निवासी कश्मीरी गेट फीरोजाबाद की भी मृत्यु हो गई है।

वाराणसी के बजरडीहा क्षेत्र में हिंसक झड़क के बाद हुई भगदड़ में धरहरा मोहल्ला निवासी आठ वर्षीय मुहम्मद सगीर गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसकी मौत बीएचयू ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान रात में हुई। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के अनुसार सगीर की मौत कुचल जाने की वजह से हुई।

कानपुर में बेगमपुरवा, अजीतगंज कॉलोनी में बेकाबू भीड़ ने पुलिस पिकेट पर हमला कर उनकी पांच बाइकें फूंक दी। पथराव में दो दारोगा और एक सिपाही घायल हो गए। इस बवाल में घायल 12 लोग एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। इनमें तीन के पेट और एक के सीने में गोली लगी है। घायलों में आफताब आलम नामक एक युवक की मौत हो गई। बवाल को देखते हुए कानपुर के स्कूल कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। बिजनौर में उपद्रवियों ने नमाज के बाद अस्पताल, दुकानों, कारों और बसों में तोड़फोड़ कर दी। आगजनी के साथ फायरिंग की। तीन व्यक्तियों को गोली लगी है, जिनमें दो की मौत हो गई। करीब 50 से अधिक लोग और पुलिसकर्मी घायल हैं। गाजियाबाद में पांच जगह हुए बवाल में सीओ समेत 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। हापुड़ में भी जमकर पथराव हुआ।

गुरुवार को हिंसाग्रस्त लखनऊ में शुक्रवार को तो शांति रही लेकिन आसपास के जिलों में उपद्रव हुए। बहराइच में नमाज के बाद उपद्रवियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई और पथराव किया, जिसमें दो दारोगा, चार सिपाही और 12 अन्य लोग घायल हो गए। बलरामपुर, सीतापुर में भी पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। फर्रुखाबाद में जुलूस रोकने पर आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। गोरखपुर में कोतवाली इलाके में नखास चौराहे पर नमाज के बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।रामपुर में सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम समेत 500 लोगों को शांतिभंग की आशंका में निरुद्ध किया गया। प्रयागराज में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे डेढ़ सौ लोग हिरासत में लिए गए। 

सुनियोजित हिंसा में बच्चों को किया आगे

डीजीपी का कहना है कि शुक्रवार को नमाज के बाद सुनियोजित ढंग से प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और पुलिस पर हमला बोला। उपद्रवियों ने कम उम्र के बच्चों को आगे किया, जिनकी सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस ने संयम बरतते हुए त्वरित कार्रवाई की। डीजीपी मुख्यालय स्तर से हिंसा के दौरान लोक व निजी संपत्ति को हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है। सभी प्रभावित जिलों से इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई है। 

गुरुवार को लिखे गए 17 मुकदमे, 144 गिरफ्तार

आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गुरुवार को सपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियों की ओर से सीएए के विरोध में विभिन्न जिलों में किए गए धरना-प्रदर्शन के मामलों कुल 17 मुकदमें दर्ज कर 144 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में 10, वाराणसी में तीन, पीलीभीत में एक, संभल में दो कुशीनगर में एक एफआइआर दर्ज की गई है।

इनकी हुई मौत

बिजनौर: सुलेमान पुत्र जाहिद निवासी मंगू चरखी मोड़ नहटौर और अनस पुत्र अरशद निवासी मुहल्ला हलवाइयान

मेरठ: आसिफ पुत्र जग्गी निवासी झिलमिल कालोनी दिल्ली (हाल निवास ताला फैक्ट्री मेरठ), जाहिर पुत्र मुंशी निवासी रशीदनगर और मोहसिन मलिक पुत्र अहसान मलिक निवासी गुलजारे इब्राहिम

सम्भल: बिलाल निवासी रायसत्ती मुहल्ला

मुजफ्फरनगर: नूरा पुत्र इमरान निवासी दारोगा वाली कोठी

फीरोजाबाद: नबी जान निवासी मुहम्मदगंज, राशिद पुत्र कल्लू निवासी कश्मरी गेट

कानपुर: आफताब आलम, निवासी मुंशीपुरवा

वाराणसी : आठ वर्षीय बालक मुहम्मद सगीर, निवासी मुहल्ला धरहरा


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