CAA Protest in UP : जयंत चौधरी ने की मेरठ और मुजफ्फरनगर में हुए बवाल की न्यायिक जांच की मांग
CAA Protest in UP राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी गुरुवार को मुजफ्फरनगर और मेरठ में बवाल से पीडि़त लोगों के परिवारीजन से मिलने उनके घर पहुंचे।
मेरठ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक तथा उग्र प्रदर्शन के बाद माहौल में तनाव के बीच भले ही राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा पीडि़त लोगों से नहीं मिल सके, लेकिन राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी उनके बीच पहुंचने में सफल रहे। मुजफ्फरनगर के बाद मेरठ में पीडि़त परिवारीजन से भेंट करने के बाद जयंत चौधरी ने उपद्रव की न्यायिक जांच की मांग की।
राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी गुरुवार को मुजफ्फरनगर और मेरठ में बवाल से पीडि़त लोगों के परिवारीजन से मिलने उनके घर पहुंचे। इसके बाद साकेत स्थित पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा के आवास पर मीडिया से वार्ता की। जयंत चौधरी ने मेरठ के साथ ही साथ मुजफ्फरनगर बवाल के दौरान उपद्रवियों से निपटने के पुलिस के तौर तरीकों पर सवाल उठाया उन्होंने कहा मुजफ्फरनगर और मेरठ दोनों जगह ऐसे लोग गोली का शिकार हुए है जो बेहद गरीब हैं। मेरठ के मेरठ के जुल्फिकार व मुजफ्फरनगर के नूर का परिवार तो बेहद गरीब है। जयंत चौधरी ने कहा कि मुजफ्फरनगर में पीडि़तों से मिलने के दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके घरों में घुसकर तोडफ़ोड़ की गई है। उन्होंने इसके पीछे पुलिस का हाथ होने की बात कही। जयंत पूरे घटना की न्यायिक जांच की मांग की और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग योगी सरकार से की। कहा दोषी करार दिए जाने से पहले बवाल के आरोपितों से वसूली गलत है। कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। जयंत चौधरी ने कहा जिन परिवारों के घरों में तोडफ़ोड़ की गई है सरकार उसका भी हर्जाना दे।
जयंत चौधरी ने कहा नागरिकता संशोधन कानून कि कोई जरूरत थी सरकार को कानून से पहले अधिकार प्राप्त है। वह किसी नागरिकता दे या किसे ना दे। इस तरह के मुद्दे उछाल कर सरकार देश की बेरोजगारी और आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है। पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्धकी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून वास्तव में कारतूस है आने वाला कानून एनआरसी एक रिवाल्वर की तरह है किसके माध्यम से अल्पसंख्यकों के मन में में डर पैदा किया जा रहा है।
जयंत चौधरी ने बुधवार को भी मुजफ्फरनगर जाने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें रोक दिया गया था आज सुबह सात बजे वह मुजफ्फरनगर और उसके बाद मेरठ में बवाल के शिकार मृतक लोगों के परिजनों से मिलने पहुंच गए।