CAA : सीएए का सच बताने भाजपा सांसद आज से मैदान में, कम से कम सौ घरों में करना होगा सम्पर्क
CAA Awareness Drive of BJP सांसद बुधवार से संपर्क-संवाद अभियान पर निकलेंगे। प्रत्येक सांसद को दो दिन में कम से कम सौ घरों में पहुंचकर सीएए की सच्चाई बताने का लक्ष्य दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा के बाद राज्यसभा से नागरिकता संशोधन कानून को पास कराने के बाद भाजपा अब जनसमर्थन जुटा रही है। प्रदेश में दिग्गजों की जनसभा के बाद अब सांसद अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को नागरिकता संशोधन कानून का सच बताने और विपक्ष का दुष्प्रचार उजागर करने मैदान में उतरेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद बुधवार से संपर्क-संवाद अभियान पर निकलेंगे। प्रत्येक सांसद को दो दिन में कम से कम सौ घरों में पहुंचकर सीएए की सच्चाई बताने का लक्ष्य दिया गया है। जनजागरण अभियान के दूसरे चरण में पहले दिन मंगलवार को मंडल और जिला स्तरीय बैठकें आयोजित की गई। अभियान के सह प्रभारी संतोष सिंंह ने बताया कि भाजपा नागरिकता संशोधन कानून की वास्तविकता व आवश्यकता बताने को फिर से जनता के दरबार में पहुंच रही है।
जनजागरण अभियान के दूसरे चरण में पहले दिन मंडल स्तर पर बैठकों में नवनियुक्त पदाधिकारियों को सीएए पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के गुर सिखाए गए। जिला व मंडल की बैठकें बुधवार को पूरी हो जाएंगी। इसके अलावा सांसद 29-30 जनवरी को अपने संसदीय क्षेत्रों में अभियान को गति देने निकलेंगे। संसद का सत्र प्रारंभ होने से पहले सभी सांसद अपने संसदीय क्षेत्रों में 29 व 30 जनवरी को सीएए समर्थन में जन-जागरण करेंगे। प्रत्येक सांसद को कम से कम 100 परिवारों से संपर्क करने और साथ ही 8866288662 नंबर पर मिस्ड काल कराने को कहा गया है। सीएए के पक्ष में जनसहमति प्राप्त करने के लिए एक प्रपत्र पर हस्ताक्षर भी कराने होंगे। इस प्रपत्र से नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पारित कराने के लिए गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा।
दलित बहुल क्षेत्रों में प्राथमिकता से संपर्क
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दावा किया कि जनजागरण अभियान के प्रथम चरण की सफलता को नतीजा है कि झूठा प्रचार करने में जुटा विपक्ष थक कर घरों में बैठ गया है। विपक्ष के दुष्प्रचार को जनसमर्थन नहीं मिल सका और केवल कुछ स्थानों पर ही प्रयोजित विरोध जताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जनजागरण अभियान के दूसरे चरण में कार्यकर्ता केवल उन्हीं क्षेत्रों में जाएंगे जो प्रथम चरण में किन्हीं कारणों से छूट गए थे। इसके साथ दलित बस्तियों पर अधिक फोकस किया जाएगा। मोर्चा व प्रकोष्ठों के सभी पदाधिकारियों को भी अभियान में जुटने को कहा गया है।