Lockdown में कितने जरूरतमंदों तक पहुंचाई मदद? रोजाना अध्यक्ष नड्डा तक पहुंचाना पड़ रहा प्रमाण
लॉकडाउन के दौरान जो भी राहत कार्य किए हैं उसका प्रणाम भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ रहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः चुपके से गरीब परिवारों की मदद करने या फिर राहत सामग्री पहुंचाने का सिर्फ दावा करने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने अब तक लॉकडाउन के दौरान जो भी राहत कार्य किए हैं उसका प्रणाम भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ रहा है। क्योंकि, कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान भाजपा की ओर से चलाए जा रहे राहत कार्यों पर केंद्रीय नेतृत्व निगरानी रख रहा है।
पार्टी के किस नेता ने कितने गरीब परिवारों तक भोजन व खाद्य सामग्री पहुंचाई है इसका विस्तृत हिसाब नियमित रूप से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चाहिए। इस पर निगरानी के लिए भाजपा नेतृत्व ने कॉलसेंटर भी खोल रखा है। उक्त सेंटर से लगभग हर दिन राज्य से लेकर जिला तक के भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों के पास फोन आ रहे हैं और जानकारी मांगी जा रही है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक कॉलसेंटर से आने वाले फोन पर नेताओं से यह पूछा जाता है कि आज कितने असहाय गरीब परिवार तक राहत व खाद्य सामग्री पहुंचाई गई? उक्त राहत सामग्री वितरण की फोटो और वीडियो वॉट्सएप पर भेजें। यदि फोटो या वीडियो नहीं है तो जिन्हें राहत सामग्री दी गई है उस परिवार के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा रहा है, ताकि कॉलसेंटर से फोन कर यह पता लगाया जा सके कि सही में उनतक राहत सामग्री पहुंची है या नहीं। यहां बताते चलें कि लॉकडाउन शुरू होते ही भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने बंगाल ही नहीं देश के सभी राज्यों के छोटे-बड़े सभी भाजपा नेताओं को कम से कम पांच गरीब व असहाय परिवारों के भोजन का दायित्व लेने का निर्देश दिया था। एक सप्ताह पहले ही नड्डा ने बंगाल भाजपा के नेताओं व जिले के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर उन्हें इस राहत पर गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया था। परंतु, इस निर्देश पर अमल करने के लिए भाजपा नेताओं को फोटोग्राफर लेकर चलना होगा यह उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। राहत सामग्री पहुंचाने को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की इस तरह की निगरानी से भाजपा के कई नेताओं की परेशानी बढ़ी हुई है। भाजपा नेताओं का तर्क है कि राहत पहुंचाने और फोटो खींचने पर सोशल मीडिया पर काफी खिंचाई की जा रही है। एेसे में फोटो लेना मुश्किल हो रहा है।