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Rajasthan: कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत पर भाजपा की तीन महिला सांसदों ने राहुल व प्रियंका को घेरा

Death Of Children In Kota Hospital. लॉकेट चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत झारखंड में सरकार बनने का जश्न मनाने में जुटे हैं और खुद के प्रदेश में बच्चों की मौत हो रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 01:14 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 01:48 PM (IST)
Rajasthan: कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत पर भाजपा की तीन महिला सांसदों ने राहुल व प्रियंका को घेरा

जागरण संवाददाता, जयपुर। Death Of Children In Kota Hospital. कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर में 91 बच्चों की मौत को लेकर बवाल जारी है। बच्चों की मौत का मामला कोटा से लेकर दिल्ली तक पहुंचा तो भाजपा की तीन महिला सांसद जसकौर मीणा, कांता करदम और लॉकेट चटर्जी मंगलवार को अस्पताल पहुंचीं। ये तीनों सांसद जैसे ही वार्ड में पहुंचीं तो एक-एक बेड पर दो से तीन बच्चों को देखकर नाराज हो गईं। उन्होंने अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों से बात की तो दो महिलाओं ने रोते हुए बताया कि उनके बच्चों को सोमवार शाम तक जमीन पर ही सोने का स्थान दिया गया था, जबकि उन्हें निमोनिया है। मंगलवार को इन बच्चों को अन्य बच्चों के साथ बेड पर जगह दी गई।

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अस्पताल का दौरा करने के बाद सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत झारखंड में सरकार बनने का जश्न मनाने में जुटे हैं और खुद के प्रदेश के बच्चों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि कई माताओं ने अपने बच्चों को सरकार की लापरवाही के कारण खो दिया। उन्होंने सवाल किया कि अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कहां हैं।

जसकौर मीणा ने कहा कि राहुल गांधी इटली में नया साल मनाने में व्यस्त हैं, उन्हें राजस्थान की कांग्रेस सरकार की लापरवाही देखने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते आवश्यक प्रबंध कर लेती तो इतने बच्चों की मौत नहीं होती।

उधर, इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बच्चों की मौत के मामले में राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गैलेरिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगने के साथ ही कोटा जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस तंवर को तीन जनवरी को दिल्ली आयोग के कार्यालय में को तलब किया है।

बच्चों की मौत का कारण तेज सर्दी और इंफेक्शन संभव

उधर, बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद जांच के लिए कोटा भेजे गए जयपुर के एमएमएस अस्पताल के दो विशेषज्ञ चिकित्सकों डॉ. अमरजीत मेहता और डॉ. रामबाबू शर्मा ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कह कि तेज सर्दी और ऑक्सीजन पाइप लाइन नहीं होने के कारण इन बच्चों की मौत हुई। दोनों डॉक्टर्स ने कहा कि अस्पताल के नियो-नेटल आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइन लाइन नहीं है, यहां सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। ऐसे में इंफेक्शन बच्चों की मौत का कारण हो सकता है। उन्हें अस्पताल प्रशासन ने बताया कि तेज सर्दी के बीच कुछ बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इसलिए ठंड भी बच्चों की मौत के कारणों में एक है।

चिकित्सा मंत्री बोले, बच्चों की मौत पर राजनीति करना दुखद

राज्य के चिकत्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि बच्चों की मौत पर राजनीति करना दुखद है। सरकार बच्चों के इलाज को लेकर संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस मामले में राजनीति करने के बजाय खुद की सरकार के समय में हुई बच्चों की मौतों का आंकड़ा भी सबको बताना चाहिए।

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