WestBengal Politics: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के तृणमूल के साथ जाने से उत्तर बंगाल में भाजपा को हो सकता है नुकसान
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के तृणमूल के साथ जाने से उत्तर बंगाल में भाजपा को नुकसान हो सकता है। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल की आठ लोकसभा सीटों में से सात पर भाजपा को जीत मिली थी। तृणमूल का खाता भी नहीं खुला था अब स्थिति बदल सकती है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के तृणमूल के साथ जाने से उत्तर बंगाल में भाजपा को नुकसान हो सकता है। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल की आठ लोकसभा सीटों में से सात पर भाजपा को जीत मिली थी। तृणमूल का खाता भी नहीं खुला था, अब जबकि गोजमुमो ने तृणमूल को समर्थन की घोषणा कर दी है तो स्थिति बदल सकती है।
भाजपा ने बताया ममता का प्रेशर पॉलिटिक्स
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जब तक भाजपा के साथ था तो पुलिस गोजमुमो नेताओं को जगह-जगह तलाश रही थी। देश द्रोह से लेकर न जाने कितने मुकदमे उन पर ठोक दिया गया था। परंतु, वह कोलकाता आते हैं और तृणमूल को समर्थन की घोषणा करते हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करती है तो सब कुछ साफ हो जाता है कि पुलिस प्रशान का भय दिखाकर नेताओं को पांव में झुकने को मजबूर किया जा रहा है।
गुरुंग का इस्तेमाल वोट के लिए किया जा रहा
भाजपा के राज्य महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि जिस तरह से जंगलमहल में पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो का इस्तेमाल करने के लिए जेल से मुक्ति दिलाकर तृणमूल में शामिल किया गया है। उसी तरह उत्तर बंगाल में गुरुंग का इस्तेमाल वोट के लिए किया जा रहा है। जिसके खिलाफ यूएपीए के धारा में मुकदमा है वह कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं।
पहला मौका नहीं, जब समर्थन में उतरें हों नेता
वहीं माकपा नेता व विधायक सुजन चक्रवर्ती ने भी कहा कि यह सब प्रेसर पॉलिटिक्स है और जिन्हें पुलिस तलाशती है और वह कोलकाता में होते हैं। यह सब सेटिंग है। यहां बताते चलें कि यह पहला मौका नहीं जब किसी नेता पर मुकदमा होने के बाद तृणमूल के समर्थन में उतरे हैं।