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स्वतंत्र देव सिंह के जरिये भाजपा ने दी पिछड़ा कार्ड को मजबूती, मिशन 2022 के लिए लगाया दांव

2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले स्वतंत्र देव को यूपी भाजपा की कमान सौंपकर पार्टी ने अपना 2017 का फार्मूला दोहराया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 09:15 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 09:15 AM (IST)
स्वतंत्र देव सिंह के जरिये भाजपा ने दी पिछड़ा कार्ड को मजबूती, मिशन 2022 के लिए लगाया दांव
स्वतंत्र देव सिंह के जरिये भाजपा ने दी पिछड़ा कार्ड को मजबूती, मिशन 2022 के लिए लगाया दांव

लखनऊ [आनन्द राय]। भाजपा ने परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पिछड़ा कार्ड को मजबूती दी है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले स्वतंत्र देव को कमान सौंपकर पार्टी ने अपना 2017 का फार्मूला दोहराया है। भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव पिछड़ी जाति के केशव प्रसाद मौर्य की अगुवाई में ही लड़ा था और भारी सफलता हासिल की थी। 

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स्वतंत्र देव पूर्वांचल के मीरजापुर के मूल निवासी हैं, लेकिन उनकी कर्मभूमि बुंदेलखंड रही। इस ताजपोशी से भाजपा ने पिछड़े वर्ग के साथ ही प्रदेश के दो अंचलों को भी साधा है। स्वतंत्र पिछड़े वर्ग में कुर्मी समाज से आते हैं। प्रदेश में इस बिरादरी के भाजपा के छह सांसद और 26 विधायक हैं। स्वतंत्र की ताजपोशी ऐसे समय हुई है जब सहयोगी अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री न बनाये जाने से कुछ खफा मानी जा रही हैं। इतना ही नहीं सूबे में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी इसी समाज के हैं। जातीय समीकरण को मजबूत करने में स्वतंत्र देव बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी सहायक साबित हुए थे।

कुर्मी बिरादरी पहले भी भाजपा को मजबूती देती रही है। इसी समाज के ओमप्रकाश सिंह और विनय कटियार प्रदेश भाजपा का नेतृत्व कर चुके हैं। स्वतंत्र को नेतृत्व सौंपकर भाजपा ने कुर्मी समाज को साधने के साथ ही करीब 55 फीसद पिछड़े वर्ग की आबादी को भी अपना बनाने की पहल की है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश की कमान डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के हाथ में थी, लेकिन 2016 में केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश अध्यक्ष बनाये गए। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। यानी लोकसभा के लिए ब्राह्मण नेतृत्व और विधानसभा के लिए पिछड़ा नेतृत्व।

स्वतंत्र देव को संगठन का लंबा अनुभव

स्वतंत्र देव सिंह को संगठन का लंबा अनुभव है। वह 1986 में आरएसएस के प्रचारक बने और फिर 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में उन्हें संगठन मंत्री बनाया गया। 1991 में भाजपा युवा मोर्चा शाखा, कानपुर और 1994 में बुंदेलखंड युवा मोर्चा के प्रभारी बने। उन्हें 1996 व 1998 में भाजपा युवा मोर्चा का महामंत्री और 2001 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2004 में उन्हें विधान परिषद में जाने का अवसर मिला। फिर वह भाजपा के कई बार प्रदेश महामंत्री बने। उन्हें 2010 में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। 2012 में वह फिर प्रदेश महामंत्री बनाये गये। 2012 के विधानसभा चुनाव के मैदान में तो स्वतंत्र देव उतरे लेकिन हार गये। वह 2014 में नरेंद्र मोदी की रैलियों के प्रभारी रहे। 2017 तक लगातार प्रदेश महामंत्री रहे। भाजपा सरकार बनने के बाद उनको स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। बाद में विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए।

बनाएंगे संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल : स्वतंत्र देव

भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष व परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि संगठन ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है उसका निर्वहन पूरी तन्मयता के साथ करूंगा। हर कार्यकर्ता की बात पूरी गंभीरता से सुनी जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगलवार को पहडिय़ा में पार्टी के प्रशिक्षण वर्ग शिविर में पत्रकारों से मुखातिब थे। कहा कि संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल स्थापित करने के हर प्रयास करूंगा। सदस्यता अभियान का लक्ष्य निर्धारित है, उसे पूरा करने का प्रयास करूंगा। स्वतंत्रदेव को नई जिम्मेदारी दिए जाने की सूचना प्रशिक्षण वर्ग के दौरान ही मिली। इसके साथ ही वहां मौजूद काशी क्षेत्र के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने स्वागत और सम्मान का जोरदार सिलसिला शुरू किया जो शाम को क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचने तक जारी रहा।

स्वतंत्र देव का परिचय : एक नजर 

नाम : स्वतंत्र देव सिंह 

माता-पिता : श्रीमती रामा देवी, स्व. अलहर सिंह 

जन्म तिथि : 13 फरवरी, 1964

जन्म स्थान : ग्राम ओडी, पोस्ट जमालपुर, जिला मीरजापुर। 

कर्मक्षेत्र : जालौन, बुंदेलखंड

शिक्षा : डीवी डिग्री कालेज, उरई, जालौन। 

विशेष : पार्टी द्वारा आयोजित यात्राओं, अंतरराष्टीय सेमिनारों का नेतृत्व किया। वर्ष 2004 में चीन, हांगकांग और सिंगापुर में आयोजित अंतरराष्टीय युवा सम्मेलन में भी देश का प्रतिनिधित्व किया।


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