Delhi Assembly Election में विजय के लिए भाजपा की जाट मतदाताओं पर नजर
दिल्ली विधानसभा 2020 में जीत के लिए भाजपा की नजर राज्य के जाट मतदाताओं पर है। दिल्ली के बाहरी व ग्रामीण क्षेत्र में जाट मतदाताओं की बड़ी संख्या है और भाजपा उनको साधने चाहती है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 (Delhi assembly Election 2020) में मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कतई हल्के में नहीं ले रहा है। पार्टी नेतृत्व फिलहाल विधानसभा के प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटा है और इसके साथ वह जीत के लिए हर विकल्प पर भी फोकस कर रहा है। भाजपा की दिल्ली में जातिगत आधार पर भी मतदाताओं पर नजर है। इसके तहत पार्टी के रणनीतिकारों ने सबसे पहले हरियाणा के उन जाट नेताओं को जाट बाहुल्य सीटों पर केंद्रित कर दिया है जिनका हरियाणा से लगते दिल्ली के विधानसभा क्षेत्रों में किसी न किसी तरह का वर्चस्व है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को दिल्ली में इस्तेमाल करना चाहती है भाजपा
इस क्रम में पार्टी ने पहले ही पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को 16 सीटों पर प्रभारी बना दिया है। पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी इन दिनों राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की देखरेख में दिल्ली चुनाव का प्रबंधन देख रहे हैं। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को दिल्ली चुनाव में सक्रिय करने की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ली है। इस क्रम में मुख्यमंत्री और बीरेंद्र सिंह के बीच रविवार को रात्रि भोज पर विस्तृत बातचीत भी हुई। सूत्रों की माने तो बीरेंद्र सिंह को भाजपा बाहरी दिल्ली की दस सीटों को जीतने की जिम्मेदारी सौंप सकती है।
दुष्यंत चौटाला को भाजपा पर हावी नहीं होने देना चाहती पार्टी की बड़ी लॉबी
हरियाणा में भाजपा सरकार की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के नेता और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला दिल्ली चुनाव में भी ताल ठोकने जा रहे हैं। इससे भाजपा की एक बड़ी लॉबी चाहती है कि वे पार्टी का सहयोग तो करें मगर ज्यादा तेज गति से चलकर हावी न हों। इसलिए इस लॉबी ने प्रदेश भाजपा के जाट नेताओं को सक्रिय कर दिया है।
दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में जजपा नेताओं के साथ बैठक कर भाजपा से दिल्ली चुनाव में समझौते की खुली पेशकश की। इस पेशकश पर अभी तक भाजपा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दुष्यंत चौटाला भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले, लेकिन भाजपा ने अभी तक जजपा से समझौते की बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।