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हाईकोर्ट ने ढ़ींगरा आयोग की रिपोर्ट को किया खारिज, पूर्व सीएम हुड्डा व वाड्रा को बड़ी राहत

हाईकोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राबर्ट वाड्रा को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 03:18 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 09:03 PM (IST)
हाईकोर्ट ने ढ़ींगरा आयोग की रिपोर्ट को किया खारिज, पूर्व सीएम हुड्डा व वाड्रा को बड़ी राहत
हाईकोर्ट ने ढ़ींगरा आयोग की रिपोर्ट को किया खारिज, पूर्व सीएम हुड्डा व वाड्रा को बड़ी राहत

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आैर सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा को बृहस्‍पतिवार को बड़ी राहत मिली। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मनोहरलाल सरकार द्वारा गठित जस्टिस एसएन ढ़ींगरा आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इससे हरियाणा की भाजपा सरकार को कड़ा झटका लगा है। हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम भूमि सौदे के मामले की जांच के लिए ढींगरा अायोग का गठन किया था।

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बता दें कि मनोहरलाल सरकार ने राबर्ट वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे की जांच के लिए जस्टिस एसएन ढ़ींगरा आयोग की गठन किया था। जस्टिस एसएन ढींगरा ने अपनी 182 पेज की रिपोर्ट 31 अगस्‍त 2016 को मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल को साैंपी थी, ले‍किन अदालत द्वारा इसे सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी। पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जस्टिस एसएन ढ़ीेगरा आयोग की जांच को चुनौती दी थी।

आयोग द्वारा हरियाणा सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद हाई कोर्ट ने इसे जारी या सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी। हुड्डा ने ढींगरा अायोग के गठन को अवैधानिक करार देते हुए इसकी रिपोर्ट काे खारिज करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दी थी। हुड्डा ने आयोग के गठन को बदले की राजनी‍ति का परिणाम बताया था।

मुख्‍यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपते जस्टिस एसएन ढींगरा। (फाइल फोटो)

हाईकोर्ट की जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अनूप इंदर सिंह ग्रेवाल की खंडपीठ ने एकमत से ढींगरा आयोग की रिपोर्ट की खारिज कर दिया। जस्टिस अजय कुमार मित्तल ने ढींगरा आयोग को इस मामले पर दोबारा जांच करने की छूट दी। अजय कुमार मित्तल ने अपने फैसले में कहा की ढींगरा आयोग ने कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट के सेक्शन 8 बी के तहत नोटिस जारी करके दोबारा इस मामले पर अपनी रिपोर्ट दायर कर सकता है।

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जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने फैसले में कहा कि ढींगरा आयोग का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में उसे  इस मामले में दोबारा जांच की अनुमति नहीं दी जा सकती लेकिन हरियाणा सरकार चाहे तो भूमि आवंटन की जांच के लिए दोबारा नए आयोग का गठन कर सकती है।

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को जारी किए जाने पर भी रोक लगा दी है। दोनों न्यायाधीशों के फैसले में अंतर होने के चलते फैसले की प्रति हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेज दी गई।अब ढींगरा आयोग द्वारा इस मामले की जांच के हक के बारे में चीफ जस्टिस फैसला कर सकते हैं।

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बता दें कि मनोहरलाल सरकार गुरुग्राम के भूमि सौदे के मामले में पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आैर राबर्ट वाड्रा की भूमिका की जांच के लिए ढींगरा आयोग का गठन किया था। आयोग द्वारा मामले की जांच किए जाने के दौरान काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस ने आयोग के गठन को अवैधानिक बताया था और जांच के तरीके पर सवाल उठाया था।

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