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भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ी, ED ने अटैच किए 14 औद्योगिक प्लाट

ED ने हुड्डा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 14 प्लाटों को अटैच कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 07:42 AM (IST)
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ी, ED ने अटैच किए 14 औद्योगिक प्लाट

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की लड़ाई में उलझे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हुड्डा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले में वीरवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उन सभी 14 प्लाटों को अटैच कर दिया है, जिन्हें हुड्डा ने अपने संबंधियों, जान पहचान के लोगों तथा प्रभावशाली व्यक्तियों को आवंटित किए थे। 30 करोड़ 34 लाख रुपये कीमत के यह औद्योगिक प्लाट मनी लांड्रिंग मामले में अटैच किए गए हैं।

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ED ने अपने ट्वीटर हैंडल पर औद्योगिक प्लाट अटैच करने की पुष्टि की है। ED ने यह कार्रवाई तब की जब हुड्डा हरियाणा कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के लिए सोनिया गांधी के पास मिलने गए हुए थे। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पंचकूला में औद्योगिक प्लाट जनवरी-2012 में अलॉट किए थे। मुख्यमंत्री एचएसवीपी के पदेन चेयरमैन होते हैं। उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री के नाते एचएसवीपी के चेयरमैन थे।

हुड्डा पर पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने करीबियों और चेहतों को औद्योगिक प्लॉट अलॉट किए। नियमों के साथ न केवल छेड़छाड़ की गई बल्कि उन्हें अलॉटियों के हिसाब से बदला भी गया। यह प्लॉट 496 वर्गमीटर से लेकर 1280 वर्गमीटर साइज के थे। प्राधिकरण ने प्लॉट आवंटन के लिए पहले आवेदन मांगे गए थे। कुल 582 आवेदन आए थे। इनमें से ही 14 का चयन किया गया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सरकार ने यह केस स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया। विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट पर बड़ा एक्शन लेते हुए सरकार ने मामला CBI के हवाले कर दिया। CBI ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद 19 दिसंबर 2015 को प्लाट आवंटन मामले में केस दर्ज किया। इसमें पूर्व सीएम हुड्डा के अलावा सभी अलॉटियों व कई अधिकारियों को पार्टी बनाया गया। बाद में इस मामले में ED ने भी केस दर्ज किया।

CBI ने मई-2016 में इस मामले को लेकर डेढ़ दर्जन से अधिक जगहों पर रेड मारी। विजिलेंस ने उस समय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक रहे डीपीएस नागल, तत्कालीन मुख्य वित्तीय नियंत्रक एससी कांसल व उपाधीक्षक बीबी तनेजा के खिलाफ भी पर्चा दर्ज किया था। अब इन सभी प्लाटों को अटैच कर दिया गया है, जिससे हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

हुड्डा के इन करीबियों को आवंटित हुए थे प्लाट

हुड्डा के अधिकतर करीबियों को प्लाट आवंटित हुए थे। इनमें हुड्डा के ओएसडी रहे बीआर बेरी की पुत्रवधू मोना बेरी, पूर्व सीएम के सचिव रहे राम सिंह के बेटे प्रदीप कुमार, थानेसर से पूर्व विधायक रमेश गुप्ता के बेटे अमन गुप्ता, वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे नरेंद्र हुड्डा की धर्मपत्नी नंदिता हुड्डा, मनजोत कौर, सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे रोहतक निवासी सुनील कत्याल के बेटे डागर कत्याल, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल के करीबी ओपी दहिया, हुड्डा परिवार की नजदीकी रेणु हुड्डा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति रहे डीडीएस संधू के पारिवारिक सदस्य कंवरप्रीत सिंह संधू, संजीव भारद्वाज के बेटे सिद्धार्थ भारद्वाज की कंपनी, पीजीआई चंडीगढ़ में ईएनटी के प्रोफेसर रहे डा. गणेश दत्त शामिल हैं।

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