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बंगाल भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष बोले, धरने पर बैठीं अनपढ़ महिलाएं खा रहीं विदेशी चंदे से बिरयानी

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने आपत्तिजनक बयान दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 11:12 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 07:33 AM (IST)
बंगाल भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष बोले, धरने पर बैठीं अनपढ़ महिलाएं खा रहीं विदेशी चंदे से बिरयानी
बंगाल भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष बोले, धरने पर बैठीं अनपढ़ महिलाएं खा रहीं विदेशी चंदे से बिरयानी

 कोलकाता, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि निरक्षर महिलाएं अपने बच्चों को गोद में लेकर जो सीएए के खिलाफ धरने पर बैठी हैं, वह विदेशी चंदे से खरीदी गई बिरयानी खा रही हैं। तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने बयान की कड़ी निंदा की है।

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सीएए का विरोध करने वालों के खिलाफ बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दिया बयान

कोलकाता के आइसीसीआर सभागार में पालिका चुनाव को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं की दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन घोष ने कहा कि दिल्ली के शाहीन बाग हो या कोलकाता का पार्क सर्कस, यहां धरने पर जो बैठे हैं वह गरीब व अनजान लोग हैं। बदले में उन्हें हर दिन पैसा मिल रहा है। उन्हें विदेशी चंदे से खरीदी गई बिरयानी खिलाई जा रही है। यह सब दिखाने के लिए किया जा रहा है कि लोग उनके साथ हैं। उन्होंने माकपा नेता वृंदा करात व कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे लोग दिल्ली या कोलकाता जाने पर इनके धरने में शामिल होते हैं।

तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने बयान की कड़ी निंदा की

उधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के इस बयान की तृणमूल व माकपा सहित अन्य दलों ने कड़ी आलोचना की है। राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने घोष का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे इतने शक्तिशाली हैं कि उनका नाम सुनकर ही हम डर जाते हैं। वहीं, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य व पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि घोष कभी भी छात्रों की राजनीति, जन आंदोलनों और जमीनी स्तर की राजनीति का हिस्सा नहीं थे। जमीनी हकीकत को समझने वाला कोई भी व्यक्ति इन महिलाओं के बारे में ऐसी टिप्पणी नहीं कर सकता है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी घोष ने सीएए के खिलाफ धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्हें आश्चर्य होता है कि इतने कड़ाके की ठंड के बावजूद शाहीन बाग या पार्क सर्कस में कोई भी मरा नहीं। उनके इस बयान की भी काफी आलोचना हुई थी।


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