हमारे ही फैसले को राज्य सरकार ने कैबिनेट में दिलाई है मंजूरी ः बाबूलाल
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा के सुंदरपहाड़ी स्थित आइटीआइ भवन में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने नई कोई नीति को मंजूरी नहीं दी है। मैं जब मुख्यमंत्री था तब इस नीति को लागू किया था लेकिन कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
जागरण संवाददाता, गोड्डा : स्थानीय नीति को लेकर झारखंड सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार को चाहिए था कि वो 1932 की स्थानीय नीति के बजाए नियोजन नीति बनाती। यह सबकुछ संभव होता विधि विशेषज्ञों से रायशुमारी औऱ विधानसभा में सदस्यों के बीच बहस कराकर लेकिन ऐसा अबतक कुछ नहीं हुआ। उक्त बातें बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को सुंदरपहाड़ी स्थित आइटीआइ भवन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वे जब मुख्यमंत्री थे तब ओबीसी आरक्षण को 27 फीसद किया था लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। आज उसी उसी पैटर्न पर हेमंत सरकार चल रही है। इसमें नया क्या है?
उन्होंने कहा कि आदिवासियों और हिंदुओं को संगठित होकर संताल में बदल रही डेमोग्राफी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई चाहिए। मौजूदा सरकार ने दो दशक पूर्व राज्य सरकार के फैसले को ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर पीठ थपथपा रही है।
इस दौरान सम्मेलन को संबोधति करते हुए मरांडी ने कहा कि राजनीति में असली लड़ाई तो बूथों पर होती है। बूथ मजबूत होगा तो चुनाव जीतने में सफलता मिलेगी। भाजपा को बरहेट में अपनी ताकत बूथ स्तर पर दिखानी होगी। तभी यहां से भाजपा का खाता खुलेगा। सुंदरपहाड़ी बरहेट विधानसभा के अंतर्गत है, जहां से लगातार झामुमो चुनाव जीतता रहा है। मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन यहां से लगातार दो बार विधायक रहे। सीएम के गढ़ में बाबूलाल मरांडी ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया।