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Ayodhya After Verdict : अयोध्या जा रहे मौलाना सलमान नदवी को जिला प्रशासन ने बार्डर से लखनऊ लौटाया

सलमान नदवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व सदस्य हैं। इससे पहले उन्होंने पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में अयोध्या में राम मंदिर की वकालत की थी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 03:31 PM (IST)
Ayodhya After Verdict : अयोध्या जा रहे मौलाना सलमान नदवी को जिला प्रशासन ने बार्डर से लखनऊ लौटाया
Ayodhya After Verdict : अयोध्या जा रहे मौलाना सलमान नदवी को जिला प्रशासन ने बार्डर से लखनऊ लौटाया

अयोध्या, जेएनएन। लखनऊ में रविवार को होने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक से पहले अयोध्या जा रहे बोर्ड के पूर्व सदस्य मौलाना सलमान नदवी को शनिवार को अयोध्या के बॉर्डर पर रोक दिया गया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उनको थाना रौनाही के टोल प्लाजा से वापस लखनऊ लौटा दिया गया।

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सलमान नदवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व सदस्य हैं। इससे पहले उन्होंने पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में अयोध्या में राम मंदिर की वकालत की थी। जिससे नाराज होकर पर्सनल लॉ बोर्ड ने सलमान नदवी को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया था। इसके बाद सलमान नदवी ने अयोध्या का विवाद निपटाने के लिए फार्मूला पेश किया था। फार्मूला में उनका यहां पर राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव दिया गया था।

मौलाना सलमान नदवी मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य थे। मगर अयोध्या की विवादित जमीन हिन्दुओं को मंदिर बनाने के लिए देने की पुरजोर वकालत करने पर उन्हें बोर्ड से निकाल दिया गया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड के मौजूदा चेयरमैन जुफर फारुकी मौलाना सलमान नदवी के बहुत करीबी माने जाते हैं।

मौलाना सलमान नदवी आज ही अयोध्या आज रहे थे। वह यहां पर मस्जिद के लिए जमीन तलाश करने के प्रयास में हैं। उनका मानना है कि अब राम नगरी में साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने का सही समय है। मौलाना सलमान नदवी लखनऊ के नदवा कालेज में अध्यापक भी हैं।

उनकी योजना आज अयोध्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात करने की थी। इस दौरान उनको यहां पर कई मदरसों में छात्रों, शिक्षकों के साथ मिलकर अपनी बात रखनी थी। इसके साथ सलमान नदवी की योजना अयोध्या के पूर्व पक्षकारों और महंतों से भी मुलाकात करने की थी।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक 17 को

मुस्लिम समुदाय में विचार जोर पकड़ रहा है कि अयोध्या में नई मस्जिद बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को मंजूर करना चाहिए या नहीं। इसे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 17 नवंबर को बैठक करेगा। बैठक में मुस्लिम पक्ष चर्चा करेगा कि उन्हें अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी है या नहीं।

मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की भी मांग

सलमान हुसैन नदवी प्रतिनिधिमंडल के साथ 12 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले थे। उन्होंने अयोध्या में मस्जिद के साथ-साथ एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की भी मांग की थी। प्रतिनिधिमंडल में मौलाना हमीदुल हसन, मौलाना सलमान हुसैन नदवी, मौलाना फरीदुल हसन, मौलाना यूसुफ हुसैनी भी शामिल थे। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम धर्मगुरु और उलेमाओं से मुलाकात की थी। कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं और उलेमाओं के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ की वह पहली मुलाकात थी।

इस्लामी विद्वान मौलाना सलमान नदवी ने कहा कि अयोध्या में मिल रही पांच एकड़ जमीन पर एक अजीमुश्शान जामा मस्जिद ही नहीं बने बल्कि वहां इस्लामी यूनिवर्सिटी भी बने। मौलाना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिए दी है तो मस्जिद का भी ख्याल रखा है। यह कतई जरूरी नहीं कि जहां मस्जिद थी उसी जमीन पर एक मस्जिद फिर से बनाई जाए। 


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