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केजरीवाल ह‍रियाणा में पैठ बनाने को नए जातीय समीकरण की जुगत में

आप के राष्‍ट्रीय संयोजक अर‍विंद केजरीवाल हरियाणा की राजनी‍ति में पैठ बनाने को नए जातीय समीकरण बनाने में जुटे हैं। वह राज्‍य में ब्राह्मण-वैश्‍य समीमरण बनाने के प्रयास में है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 08:14 PM (IST)
केजरीवाल ह‍रियाणा में पैठ बनाने को नए जातीय समीकरण की जुगत में

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की राजनीति में आम आदमी पार्टी की पैठ बनाने में जुटे दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अर‍विंद केजरीवाल राज्‍य में नया जातीय समीकरण बनाने में जुटे हैं। वह आप के प्रदेश प्रधान नवीन जयहिंद के साथ मिलकर हरियाणा में ब्राह्मण-वैश्‍य का नया गठजोड़ बनाने की कोशिशों में हैं। जातीय समीकरण के साथ-साथ वह नए राजनीतिक समीकरण की तलाश में भी लगे हैं।

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अरविंद केजरीवाल और नवीन जयहिंद हरियाणा में ब्राह्मण-वैश्‍य समीकरण बनाने में जुटे

जानकारों का कहना है कि दिल्ली के राजनीतिक गलियारों से बाहर निकलकर हरियाणा के गली-कूचों और चौपालों में दस्तक देने में जुटी  आप ने प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण का माहौल पैदा किया है। आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वैश्य समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ब्राह्मण समाज से हैं। यही कारण है कि अाप ब्राह्मण-वैश्य का जातीय समीकरण बनाकर इससे अन्‍य बिरादरियों को भी जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है।

अरविंद केजरीवाल हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। स्कूल, अस्पताल और राजनीति में सभी बिरादरियों के प्रतिनिधित्व का नारा देने वाले केजरीवाल अब तक हरियाणा का 12 से अधिक बार दौरा कर चुके हैं। हरियाणा के दौरे में हर बार उनके निशाने पर सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस और इनेलो-बसपा गठबंधन रहा है। दिल्ली माडल पर हरियाणा के स्कूल-अस्पतालों की कायाकल्प करने का वादा कर केजरीवाल ने प्रदेश की जनता के सामने अपना चुनावी एजेंडा भी रख दिया है।

अरविंद केजरीवाल पूरे प्रदेश को अलग-अलग जोन में बांटकर रैलियां कर रहे हैं। उत्तर व मध्य हरियाणा के कई जिलों में दस्तक देने के बाद केजरीवाल ने दक्षिण हरियाणा में एक के बाद एक कई रैलियां की हैं।  केजरीवाल मूल रूप से भिवानी जिले की सिवानी के रहने वाले हैं तथा वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। एक दिन पहले प्रदेश के ब्राह्मणों के एक सम्‍मेलन में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद को सम्‍मानित‍ किया गया। इस कार्यक्रम में केजरीवाल व जयहिंद के नेतृत्व में आस्था जताए जाने से भी आप के नेता उत्‍साहित हैं।

हरियाणा में ब्राह्मणों की आबादी करीब 15 प्रतिशत और वैश्यों की आबादी तीन प्रतिशत के आसपास है। इन दोनों जातियों का सामाजिक जनसंपर्क काफी आंका जाता है। युवा ब्राह्मण एकता मंच ने पानीपत में सम्मेलन के जरिये जयहिंद को एक मंच दिया और एक करोड़ रुपये का चंदा देकर भविष्य की राजनीति के संकेत दिए। आप नेताओं का कहना है कि केजरीवाल और जयहिंद अब प्रदेश में बाकी बिरादरियों का भरोसा जीतने कोशिश में जुटेंगे। इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों में सम्मेलनों का प्रारूप तय किया जा रहा है।

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हरियाणा में पहले मुख्यमंत्री ब्राह्मण, दो बार वैश्य सीएम

हरियाणा में एक बार ब्राह्मण और दो बार वैश्य मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हरियाणा के गठन के बाद पहली बार एक नवंबर 1966 को पंडित भगवत दयाल शर्मा राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 143 दिन राज किया। उसके बाद बनारसी दास गुप्ता 1975 से 1977 तक 517 दिन और 1990 में 52 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहे।


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