एससी-एसटी एक्ट के विरोध में एक और पूर्व विधायक ने भाजपा छोड़ी, कांग्रेस में जाने की तैयारी
सुनील मिश्रा ने एक बार फिर कांग्रेस में शामिल होने के लिए कमलनाथ से मुलाकात की है।
नई दुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में एससी-एसटी एक्ट के विरोध को लेकर राजनीतिक दलों से नेताओं का जाना जारी है। कटनी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सुनील मिश्रा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मिश्रा ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को सौंपा है। गौरतलब है कि करीब 15 दिन पहले विंध्य क्षेत्र के रहने वाले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने भी एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर भाजपा छोड़ दी थी।
मंगलवार को पत्रकार वार्ता में मिश्रा ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के विरोध और कटनी के विकास पर ध्यान नहीं देने की वजह से मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। वहीं, मिश्रा ने एक बार फिर कांग्रेस में शामिल होने के लिए कमलनाथ से मुलाकात की है।
जो एट्रोसिटी एक्ट के समर्थन में, हम उनके खिलाफ
सपाक्स समाज संस्था (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था) के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जो एट्रोसिटी एक्ट के समर्थन में खड़े हैं, हमारा उनसे कोई वास्ता नहीं।
मंत्री सपाक्स को मनाने का भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। हमारे मुद्दे अलग हैं, हम उनके साथ नहीं हैं। मंत्री मिश्रा ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान सपाक्स को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि 'वो हमारे अपने हैं। हमारे साथ ही आएंगे। हम सिर झुकाकर उनको लाएंगे।'
उधर, सतना में ओबीसी महासम्मेलन के दौरान सपाक्स, सवर्ण और कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम स्थल में घुसने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जवाब में प्रदर्शनकारियों ने भी पथराव किया। लाठीचार्ज में चार लोग घायल हुए। पुलिस ने 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जमानत पर छोड़ दिया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए थे।