Sushant Singh Rajput Case: अनिल परब बोले, अमृता फड़नवीस को अगर पुलिस पर भरोसा नहीं तो महाराष्ट्र छोड़ देना चाहिए
Sushant Singh Rajput Case महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने अगर पिछले साल तक जिनके पास मुंबई पुलिस थी वे पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते तो उन्हें राज्य छोड़ देना चाहिए।
मुंबई, एएनआइ। Sushant Singh Rajput Case: पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की अमृता फड़नवीस के ट्वीट पर महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने मंगलवार को कहा कि पुलिस सरकार में बदलाव के साथ नहीं बदल रही है। अगर पिछले साल तक जिनके पास मुंबई पुलिस थी, वे पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते, तो उन्हें राज्य छोड़ देना चाहिए। ऐसा क्या हुआ है कि अमृता फड़नवीस को डर लग रहा है। उनके मुताबिक, पिछले पांच साल में, आत्महत्याओं और मौतों की कई घटनाएं हुईं, क्या सभी मामले सीबीआइ को स्थानांतरित कर दिए गए थे? मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत मामले को संभालने के लिए सक्षम है और हम उसका समर्थन करते हैं।
अमृता फड़नवीस ने सोमवार को ट्वीट किया था कि मुंबई ने अपनी मानवता खो दी है। महानगर की पुलिस जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत मामले से निपट रही है, उसे देखते हुए वह अब रहने के लिए सुरक्षित नहीं है। इस ट्वीट को लेकर शिवसेना और राकांपा के नेताओं ने पलटवार किया और दावा किया कि अमृता उसी पुलिस बल की आलोचना कर रही हैं, जो उनकी सुरक्षा करती है। अमृता ने ट्वीट किया, जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में व्यवहार किया जा रहा है, मुझे लगता है कि मुंबई ने मानवता खो दी है और वह भोले भाले, स्वाभिमानी नागरिकों के जीने के लिए सुरक्षित नहीं है। इस पर शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने पलटवार करते हुए ट्विटर पर कहा कि मुंबई पुलिस की सुरक्षा में कार से घूमिए।
उन्होंने कहा कि मैं मुंबई पुलिस पर आरोप लगाने वाले, उसे बदनाम करने वाले इन प्रदेश भाजपा नेताओं और उनके परिवारों को चुनौती देती हूं कि अपनी पुलिस सुरक्षा को छोड़ दें और निजी एजेंसियों की सुरक्षा ले लें जो उन्हें शहर में सुरक्षित महसूस करा सकें। पूर्व मुख्यमंत्री, जो गृह मंत्री भी थे, की पत्नी का इस तरह से बोलना शर्मनाक है। राकांपा प्रवक्ता अदिति नलवड़े ने एक पुरानी तस्वीर के साथ ट्वीट किया, जिसमें अमृता एक जहाज पर किनारे पर बैठी दिख रही हैं। उन्होंने लिखा, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब वह एक जहाज के किनारे पर खतरनाक तरीके से बैठी थीं, तो वह मुंबई पुलिस का जवान था जो उनकी सुरक्षा कर रहा था।