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Rajasthan: अजमेर डिस्कॉम ने पकड़ा उपकरणों में हेराफेरी का मामला, छह सस्पेंड

Ajmer Discom अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक वीएस भाटी ने बताया कि उन्हें 24 अक्टूबर को सूचना मिली थी कि प्रतापगढ़ में विद्युत कनेक्शन देने के लिए काम आने वाले सामान में स्टोर और सब डिवीजन स्तर पर अनियमितताएं की जा रही हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 09:38 PM (IST)
Rajasthan: अजमेर डिस्कॉम ने पकड़ा उपकरणों में हेराफेरी का मामला, छह सस्पेंड
अजमेर डिस्कॉम ने पकड़ा उपकरणों में हेराफेरी का मामला।

अजमेर, संवाद सूत्र। Ajmer Discom: राजस्थान में अजमेर विद्युत वितरण निगम ने प्रतापगढ़ में स्टोर और सब डिवीजन में सामान में हेराफेरी का खुलासा किया है। तीन अफसरों और तीन कर्मचारियों ने सप्लाई फर्म से सांठगांठ कर कनेक्शन देने के काम आने वाली सब स्टेशन सेट में हेराफेरी की व खुर्दबुर्द करने का प्रयास किया। निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के इस गंभीर मामले का जांच में खुलासा हुआ तो सभी को निलंबित कर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। फर्म के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कराई जा रही है। अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक वीएस भाटी ने बताया कि उन्हें 24 अक्टूबर को सूचना मिली थी कि प्रतापगढ़ में विद्युत कनेक्शन देने के लिए काम आने वाले सामान में स्टोर और सब डिवीजन स्तर पर अनियमितताएं की जा रही हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए प्रबंध निदेशक भाटी ने तुरंत अधीक्षण अभियंता मुकेश बाल्दी को जांच के आदेश दिए। बाल्दी व उपभंडार नियंत्रक मुकुल कुलश्रेष्ठ ने जांच की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

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ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

निगम की जांच टीम ने प्रतापगढ़ स्टोर में जांच शुरू की तो पता चला कि 137 सब स्टेशन से भरा ट्रक सप्लाई देने वाली पर्म शान्वी प्लास्टिक प्रोडक्ट जयपुर से चला लेकिन स्टोर में कोई एन्ट्री नहीं मिली। यहां तैनात सहायक भंडार नियंत्रक पीसी बुंदेला ने बताया कि ट्रक सीधे ही दलोट और अरनोद उपखंडों के सहायक अभियंता कार्यालयों में खाली करवा लिया गया। इनमें 50 सेट अरनोद व 87 सेट दलोट में उतारे गए। जांच दल ने मौके पर जाकर देखा तो दोनों ही जगह सामान नहीं मिले। दलोट में दूसरी फर्म के कुछ सेट मिले, लेकिन शान्वी प्लास्टिक के सामान नहीं थे। जिम्मेदार सहायक अभियंताओं व कर्मचारियों ने बहाना बनाया कि सेट फील्ड में अलॉट कर दिए गए। लेकिन वे जांचकर्ताओं को संतुष्ट नहीं कर सके। जब दबाव पड़ा तो सहायक नियंत्रक भंडार बुंदेला, कार्यवाहक सहायक अभियंता अरनोद नरेंद्र सिंह व कार्यवाहक सहायक अभियंता दलोट रविशंकर ने 25 अक्टूबर को फर्म से सेट मिलने को बहाना बनाया, लेकिन जांच में वे सेट भी दूसरी कंपनी के ही निकले।

फर्म पर होगी एफआइआर, कार्मिक सस्पेंड

प्रबंध निदेशक भाटी ने बताया कि जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सहायक भंडार नियंत्रक पीसी बुंदेला, कार्यवाहक सहायक अभियंता नरेंद्र सिंह, कार्यवाहक सहायक अभियंता रविशंकर, दलोट स्टोर इंचार्ज दुर्गा लाल नागर, तकनीकी सहायक प्रतापगढ़ अभय सिंह राव, तकनीकी सहायक अरनोद मुकेश कसाना को निलंबित कर दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निगम का विशेष जांच दल यह देखेगा कि इस तरह का फर्जीवाड़ा कबसे चल रहा है। इसके साथ ही स्टोर से आवंटित उपकरणों का भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा। फर्म शान्वी प्लास्टिक जयपुर के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। 


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