बोले कृषि मंत्री प्रेम कुमार, अब बिहार के सभी जिलों में होगी मौसम के अनुकूल खेती
कृषि मंत्री ने किया अपशिष्ट प्रबंधन उच्च अध्य्यन केंद्र एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्कृष्टता केंद्र का उदघाटन। कहा बाढ़ एवं ओलावृष्टि से हुए नुकसान को सरकार पूरा करने का प्रयास करेगी।
समस्तीपुर, जेएनएन। सूबे के कृषि मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सभी जिलों में मौसम के अनुकूल खेती की जाएगी। इसके लिए बिहार के सभी 38 जिलों का चयन किया गया है। पहले आठ जिले ही इसमें शामिल थे। मंत्री शुक्रवार की शाम डाॅ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में अपशिष्ट प्रबंधन उच्च अध्ययन केंद्र एवं खाद्य प्रंसंस्करण केंद्र एवं खाद्य प्रसंस्करण पर उत्कृष्टता केंद्र का उदघाटन करने आए हुए थे। मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ एवं ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है जिसे सरकार के द्वारा पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। कई किसानों को फसल क्षति की राशि भेज भी दी गई है। शेष बचे किसानों को भी राशि भेज दी जाएगी।
किसानों की आय दोगुनी की सोच
कहा कि प्रधानमंत्री की सोच 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में बिहार में समेकित प्रणाली अपनाने की जरूरत है। इसमें मधुमक्खी पालन, मछली पालन, बागवानी के अलावा सभी आयाम इसमें जुड़े हैं। बिहार के दोनों कृषि विश्वविद्यालय के प्रयास से उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में टिकाऊ खेती का प्रयास जारी है। इसके लिए किसानों को नवीनतम खेती अपनाने की आवश्यकता है। किसान समूह बनाकर खेती करें जिससे किसानों को काफी सहायता मिलेगी।
जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास जारी
केंद्रीय विश्वविद्यालय बने हुए चार वर्ष हुए हैं अब विवि में 468 छात्रों से बढ़कर 1500 से ऊपर हो गई है। अब 27 राज्यों के छात्र यहां अध्ययन करते हैं। विश्वविद्यालय को जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास जारी है। उद्योग मंत्री महेश्वर हजारी ने विश्वविद्यालय स्तर पर किये गए नवीनतम तकनीक की जानकारी किसानों को उपलब्ध होनी चाहिए ताकि किसानों को राज्य व केंद्र सरकार की योजना का लाभ मिल सके। मौके पर कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव, अनुसंधान निदेशक डा. मिथिलेश कुमार, परियोजना निदेशक डाॅ. सुधीर कुमार जैन समेत अनिल सिंह, मनोज गुप्ता, जदयू के रंधीर कुमार, चितरंजन राय, सहित दर्जनों नेता भी मौजूद रहे।