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जम्मू-कश्मीरः राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान बोले, कश्मीर के नेता भी होंगे रिहा

फारूक खान ने कहा कि कश्मीर में सेना की तैनाती लैंडलाइन फोन मोबाइल और इंटरनेट सुविधा बंद करना लोगों के हित में लिए गए फैसले थे जो काफी हद तक कारगर भी साबित हुए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 04:54 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 05:57 PM (IST)
जम्मू-कश्मीरः राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान बोले, कश्मीर के नेता भी होंगे रिहा

श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में पिछले पचास दिनों से भी अधिक समय से नजरबंद राजनीतिक दलों के नेताओं को भी रिहा किया जाएगा परंतु यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। सभी नेताओं को एक साथ रिहा नहीं किया जाएगा। प्रशासन सभी पहलुओं पर विचार करने और प्रत्येक राजनीतिज्ञ का विश्लेषण करने के बाद ही रिहाई का निर्णय लेगी।

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यह जानकारी राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार फारूक खान ने दी। उन्होंने कहा कि ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल की अधिसूचना जारी होने के बाद जम्मू में नजरबंद नेताओं को गत बुधवार को रिहा कर दिया गया था। सनद रहे कि जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा के बाद से ही घाटी में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित करीब 400 नेताओं को हिरासत में लिया गया है। सरकार ने ये कदम इसीलिए उठाया, ताकि इन राजनीतिज्ञों की बयानबाजी के कारण लोगों में गलत संदेश न आए और घाटी में हालात खराब न हों।

फारूक खान ने कहा कि कश्मीर में सेना की तैनाती, लैंडलाइन फोन, मोबाइल और इंटरनेट सुविधा बंद करना लोगों के हित में लिए गए फैसले थे, जो काफी हद तक कारगर भी साबित हुए। सरकार के इन कदमों से घाटी में हालात सामान्य है। बेहतर हो रहे हालात को देखते हुए ही स्कूलों, दफ्तरों को खोल दिया गया। लैंडलाइन फाेन शुरू कर दिए गए। आज हाई स्कूल भी खोल दिए गए हैं। खान ने इसी के साथ कहा कि घाटी में सेना को कम करना वहां के स्थानीय अधिकारियों पर निर्भर करता है। वे जमीनी स्थिति से बेहतर वाकिफ हैं। यदि उन्हें लगता है कि सेना के हटने के बाद आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी तो उन्हें हटाया जा सकता है।

पिछले कुछ हफ्तों से कश्मीर में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। कुछ प्रतिबंध अभी भी लगे हुए हैं परंतु आम लोगों को कोई परेशानी नहीं है। श्रीनगर की सड़कों पर यातायात दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी बाजार खुलने बाकी हैं। जहां तक स्कूलों की बात है तो वहां उपस्थिति अभी भी सामान्य नहीं है। सनद रहे कि सरकार ने बीडीसी चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी है। 24 अक्टूबर को 300 से अधिक ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के लिए मतदान होगा और उसी दिन मतगणना होगी। लगभग 26,000 पंचायत सदस्य मतदान में हिस्सा लेंगे।  


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