Move to Jagran APP

सरहदी जिलों में टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन मुस्तैद, उठाये गए प्रभावी कदम, किसानों से भी की गई अपील

सरहदी जिलों में बढ़ते टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन मुस्तैद रोकथाम के उठाये गए प्रभावी कदम किसानों से भी की गई अपील

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 09:39 AM (IST)
सरहदी जिलों में टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन मुस्तैद, उठाये गए प्रभावी कदम, किसानों से भी की गई अपील

जोधपुर, रंजन दवे। राजस्थान के सरहदी जिलों में टिड्डी आगमन के मद्देनज़र सभी संबंधित विभागों से प्रभावी कार्ययोजना के अनुरूप टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों के क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। कृषकाें से टिड्डी प्रकोप से भयभीत न होकर आगमन व पड़ाव की सही-सही सूचना स्थानीय लोक सेवक कार्मिक-अधिकारियों को देकर नियंत्रण में सहभागी बनने की अपील भी की गई है।इसके लिए नियंत्रण कक्ष स्थपित कर दूरभाष नम्बर भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा किसानों की मदद के लिए कीटनाशी रसायनों के प्रयोग की विधि और औऱ उन्हें बनाने के तरीके भी जारी किए गए हैं।

loksabha election banner

पाकिस्तान से सटे सरहदी जिले जैसलमेर में जिला कलक्टर नमित मेहता ने इस बारे में सतत् निगरानी, सर्वेक्षण एवं नियंत्रण के लिए अलग अलग स्तरीय टीमें गठित की हैं। टिड्डियों पर प्रभावी नियत्रण के लिए अलग अलग जिलास्तर पर नियंत्रण कक्ष संचालित हैं। साथ ही कृषि विभाग से जारी नबंर भी उपलब्ध करवाए गए है।

उप निदेशक(कृषि, विस्तार) राधेश्याम नारवाल ने टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों को कीटनाशी रसायनों के प्रयोग की राय दी है।उनके अनुसार अभी रबी फसलों की कटाई एवं थे्रसिंग कर ली गई है परन्तु जिन क्षेत्रों में ज्वार, बाजरी आदि हरे चारे के लिये व सब्जी बेल आदि बोयी हुई है वहाँ टिड्डी दलों द्वारा होने वाले नुकसान से बचाने के लिए क्लोरपायरीफोस 20 ईसी 1200 एम एल प्रति हैक्टर, क्लोरपायरीफॉस 50 ईसी 480 एम एल प्रति हैक्टर, डेल्टामेथरिन 2.8 प्रतिशत ई.सी. 625 एम एल प्रति हैक्टेयर, बेन्डियोकार्ब 80 प्रतिशत डब्लू.पी.125 ग्राम प्रति हैक्टेयर,, मेलाथियॉन 50 प्रतिशत ई.सी. 1850 एम एल प्रति हैक्टेयर या मैलाथियॉन 25 प्रतिशत डब्लू.पी. 3700 ग्राम सुगमता से उपलब्धतानुसार कीटनाशक रसायन को 400 से 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हैक्टर छिड़काव दो पारियों में टिड्डी प्रकोप के समय किया जाना चाहिए। जिसके प्रयोग के समय सुरक्षा व सावधानी के लिए हाथों में दस्ताने, मुंह पर मॉस्क आदि पहनने चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव भी वयस्क व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए।

राधेश्याम नारवाल के अनुसार टिड्डी दल के आगमन के मद्देनज़र टिड्डी नियंत्रण और कृषि विभाग की टीमों द्वारा त्वरित आरंभिक कार्यवाही अमल में लाकर टिड्डी नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है।

सरहद से जुड़े जेसलमेर जिले की तहसील के 13 स्थानों पर कुल 1 हजार 044 हैक्टेयर में टिड्डी नियत्रंण किया गया है। जिला प्रशासन एवं सम्बद्ध विभागों द्वारा भी सतत् सम्पर्क में रहकर समन्वय सहयोग से प्रभावी सर्वेक्षण एवं नियंत्रण करवाया जा रहा जा रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.