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Aaditya Thackeray In Delhi: आदित्य ठाकरे ने दिल्ली में राहुल गांधी से की मुलाकात

Aaditya Thackeray In Delhi. राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान आदित्य ठाकरे के साथ सीएए और एनपीआर के मुद्दों पर भी चर्चा की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 05:03 PM (IST)
Aaditya Thackeray In Delhi: आदित्य ठाकरे ने दिल्ली में राहुल गांधी से की मुलाकात

नई दिल्ली, प्रेट्र। Aaditya Thackeray In Delhi. शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। दो दिनों पहले संसद भवन परिसर में विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक में शिवसेना शामिल नहीं हुई थी। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की गठबंधन सरकार बनने के बाद दोनों नेताओं ने पहली बार मुलाकात की है। शिवसेना ने इसे सामान्य मुलाकात बताया है।

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सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने समन्वय, पर्यावरण एवं पर्यटन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना नेता के पास यही महकमा है। माना जा रहा है कि 30 मिनट की मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने जूनियर ठाकरे के साथ सीएए और एनपीआर पर भी बातचीत की।

सूत्रों ने कहा कि आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की और गठबंधन साझीदारों के बीच समन्वय सुधारने के तरीकों पर चर्चा की। यह मुलाकात मंगलवार शाम को हुई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा संसद परिसर में सोमवार को बुलाई गई बैठक में शिवसेना शामिल नहीं हुई थी। कांग्रेस ने कहा कि संवाद के मुद्दे के कारण शिवसेना बैठक में भाग लेने नहीं पहुंची।

शिवसेना के 56 में से 35 विधायक असंतुष्ट : राणे

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने दावा किया है कि राज्य में सत्तारू़ढ़ शिवसेना के 56 में से 35 विधायक पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट हैं। हालांकि, भाजपा व राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन के मुद्दे पर टिप्पणी से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा ही बात करेगी।

एक कार्यक्रम के दौरान शनिवार रात यहां मीडिया से बात करते हुए राणे ने कहा कि राज्य सरकार का प्रदर्शन संतोषषजनक नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र की सत्ता में भाजपा की वापसी का भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा के 105 विधायक हैं, जबकि शिवसेना के सिर्फ 56 हैं और उनमें से भी 35 विधायक असंतुष्ट हैं। ठाकरे सरकार ने किसान कर्जमाफी की घोषणा की है। वह भी खोखली साबित हो रही है, क्योंकि इसकी कोई समय सीमा नहीं है। किसी को भी नहीं पता कि इस वादे का कब क्रियान्वयन किया जाएगा।

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