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वीर सावरकर पर पोते रणजीत का ओवैसी को जवाब, कहा- उनसे ज्यादा धर्मनिरपेक्ष आदमी नहीं खोज पाएंगे

वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने उनके नाम पर हो रही राजनीति को लेकर विपक्षियों पर जमकर हमला बोला।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:53 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:53 AM (IST)
वीर सावरकर पर पोते रणजीत का ओवैसी को जवाब, कहा- उनसे ज्यादा धर्मनिरपेक्ष आदमी नहीं खोज पाएंगे
वीर सावरकर पर पोते रणजीत का ओवैसी को जवाब, कहा- उनसे ज्यादा धर्मनिरपेक्ष आदमी नहीं खोज पाएंगे

मुंबई, एएनआइ। वीर सावरकर पर इनदिनों देश में जमकर राजनीति हो रही है। इसी राजनीति पर वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने विराम लगाते हुए सावरकर के जीवन से जुड़े कई पहलुओं को लेकर बयान दिया है।उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी वीर सावरकर की अनुयायी थीं, उनके दादा-भतीजे, रणजीत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने जो कुछ किया वह सब "नेहरू और गांधी के दर्शन के खिलाफ" था। रणजीत ने कहा कि सावरकर को अदालत ने बरी कर दिया क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। उन्होंने कहा, 'यहां तक ​​कि सरकार, जवाहरलाल नेहरू उस समय प्रधानमंत्री थे, वे अपील पर नहीं गए थे।'

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रणजीत सावरकर ने वीर सावरकर को सबसे ज्यादा धर्म निरपेक्ष बताया है और साथ ही कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी खुद उनकी अनुयायी थीं। रणजीत सावरकर ने साथ ही ओवैसी पर भी निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर को सम्मानित किया। रणजीत ने कहा कि मुझे दृढ़ता से लगता है कि वह उनकी अनुयायी थीं क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को अपने घुटनों पर ला दिया, सेना और विदेशी संबंधों को मजबूत किया, उन्होंने परमाणु परीक्षण भी किया। हालांकि यह नेहरू और गांधी के दर्शन के खिलाफ है फिर भी उन्होंने ऐसा किया। 

इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी पर भी उन्होंने हमला किया। रणजीत सावरकर ने कहा कि ओवैसी को सावरकर के इस विश्वास का पालन करना चाहिए कि अपने घर में धर्म को रखें, जब आप हिंदू या मुस्लिम नहीं हैं, लेकिन भारतीय हैं। सावरकर ने सभी से अपेक्षा की कि वे संसद में जाति, धर्म, लिंग आदि को बनाए रखें। आप सावरकर से ज्यादा धर्मनिरपेक्ष आदमी नहीं खोज पाएंगे।

इससे पहले  गुरुवार को मुंबई में मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम सावरकर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सवाल यह है कि हम हिंदुत्व की विचारधारा के पक्ष में नहीं हैं जो सावरकर जी ने संरक्षण दिया और खड़े हुए।'


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