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कौन हैं नाना पटोले, जो बने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर; कभी कांग्रेस छोड़ थामा था BJP का दामन

कांग्रेस नेता नाना पटोले महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुने गए हैं। वह भाजपा से लेकर कांग्रेस तक में रहे हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 10:55 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 03:46 PM (IST)
कौन हैं नाना पटोले, जो बने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर; कभी कांग्रेस छोड़ थामा था BJP का दामन
कौन हैं नाना पटोले, जो बने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर; कभी कांग्रेस छोड़ थामा था BJP का दामन

नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस के नाना पटोले महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। रविवार को भाजपा की ओर से स्पीकर पद के उम्मीदवार किशन कथोरे ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद नाना पटोले का स्पीकर पद पर निर्विरोध चुना गया। नामांकन वापस लेने की समय सीमा रविवार सुबह 10 बजे थी।कांग्रेस ने शनिवार को शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नाना पटोले के नाम की घोषणा की।वहीं भाजपा ने किशन कथोरे को अपना उम्मीदवार नामित किया था।

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नाना पटोले महाराष्ट्र के विदर्भ में सकोली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस एमएलए हैं।आखिर कौन हैं नाना पटोले, जिनपर कांग्रेस ने इतना भरोसा जताया है। भाजपा से भी नाना पटोले का खास कनेक्शन रहा है।

नाना पटोले का शुरुआती सफर

नाना पटोले के राजनीतिक करियर को देखते हुए उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के लिए चुना है। नाना पटोले की पहचान तेज तर्रार नेता के तौर पर रही है। वह हमेशा से किसानों के मुद्दे को उठाते रहे हैं। वह विदर्भ के ओबीसी कुनबी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह करीब 32 सालों से राजनीति कर रहे हैं।वह एक किसान परिवार से आते हैं। वह करीब 32 सालों से राजनीति कर रहे हैं।

नानाभाऊ पटोले 1990 में पटोले सांगड़ी जिला परिषद इलाके के भंडारा जिला परिषद के सदस्य बने। अपने पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा हालांकि उन्हें बीजेपी उम्मीदवार के हाथों हारना पड़ा। इसके बाद पटोले 1999 और 2004 में कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और जीत दर्ज की।

जब कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए पटोले

नानाभाऊ पटोले कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। वह पहली बार सुर्खियों में तब आए जब साल 2014 में वह भाजपा से सांसद बने। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पटोले कांग्रेस छोड़, भाजपा में शामिल हो गए और सांसद बने। 2014 के आम चुनावों में उन्होंने नागपुर की भंडारा गोंदिया सीट से एनसीपी के बड़े नेता प्रफुल्ल पटेल को करीब डेढ़ लाख वोटों से हराया था।

करीब 4 साल बाद BJP छोड़ी

करीब चार सालों बाद साल 2018 में नानाभाऊ पटोले ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए।भाजपा से मतभेदों लेकर वह अलग हुए थे। भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए नाना पटोले ने 2019 में नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर लोकसभा सीट चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल वह सकोली से कांग्रेस विधायक हैं।

किसने तय किया नाम ?

महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पद के लिए महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवार के रूप में नानाभाऊ पटोले के नाम का ऐलान महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोराट ने किया।उन्होंने बताया कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ चर्चा के बाद उनका नाम तय किया था।


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