PM Modi on Man Vs Wild: जब Bear Grylls भी हुए मोदी के मुरीद, जानें- कैसा रहा पूरा शो
PM Modi on Man Vs Wild रोमांचक सफर के दौरान Bear Grylls ने मोदी से उनके बचपन प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों सपनों और परिवार से जुड़े कई सवाल किए जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिय
नई दिल्ली, जेएनएन। बादलों की गरज, पक्षियों की चहक, नदी की कल-कल और इन सबके बीच दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)। सोमवार की शाम पूरी दुनिया ऐसे ही रोमांचक अनुभव का गवाह बनी। डिस्कवरी चैनल के एडवेंचर शो 'Man Vs Wild' के मेजबान बेयर ग्रिल्स (Bear Grylls) के साथ उत्तराखंड स्थित जिम कार्बेट के जंगलों में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) का नया रूप देखने को मिला।
विशाल लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और जिम्मेदार व्यक्ति होने के नाते शो में निसंदेह मोदी से कोई बड़ा जोखिम उठाने की अपेक्षा नहीं थी, जैसा बेयर ग्रिल्स के शो में आमतौर पर दिखता है। हालांकि मोदी ने इस शो में जैसा साहस और जैसी सहजता दिखाई, वह किसी के लिए भी प्रेरणास्पद है। यही कारण रहा कि बेयर ग्रिल्स भी मोदी के मुरीद हुए बिना नहीं रह पाए।
रोमांचक सफर के दौरान बेयर ग्रिल्स ने मोदी से उनके बचपन, प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों, सपनों और परिवार से जुड़े कई सवाल किए, जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिया। चलते-चलते ग्रिल्स ने प्रधानमंत्री मोदी को महान व्यक्तित्व का धनी बताते हुए उनके लिए और भारत के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
प्रकृति से साम्य का अनूठा संदेश
बेयर ग्रिल्स से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रकृति से साम्य स्थापित करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते समय हमें सोचना चाहिए कि आज से 50 साल बाद पैदा होने वाले बच्चे हमसे क्या सवाल करेंगे। प्रकृति के बारे में आने वाली पीढ़ियों की चिंता को ध्यान में रखकर ही पूरी दुनिया प्रकृति संरक्षण का कदम उठा सकती है।
डर कहीं छू भी नहीं पाया
मेजबान बेयर ग्रिल्स ने मोदी को कई बार जंगली जीवों विशेषतौर पर बाघ का भय दिखाने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने हमेशा मुस्कुराकर जवाब दिया। ग्रिल्स ने उनसे पूछा कि आखिर वह डर की स्थिति में खुद को कैसे संभालते हैं। इस पर मोदी ने कहा, 'मैं डर से संभलने के बारे में कुछ नहीं कह पाऊंगा, क्योंकि मुझे इसका अनुभव कभी हुआ ही नहीं। मेरा अंतर्मन सदैव शांत रहता है। जो होता है, मैं उसे सहजता से स्वीकार करता हूं।' मोदी ने यह भी कहा कि प्रकृति से डर तभी लगता है, जब हम उससे संघर्ष करते हैं। उससे साम्य बनाकर चलने में कोई डर नहीं।
सहजता ने लुभाया
ग्रिल्स के साथ जंगल और उफनाती नदी के सफर में मोदी की सहजता लुभाने वाली थी। मोदी ने कहीं ऐसा अनुभव नहीं होने दिया कि वह कितना बड़ा व्यक्तित्व हैं। ग्रिल्स ने कई बार उनके कंधे पर हाथ रखा, लेकिन मोदी ने इसे बहुत सहजता से लिया। ग्रिल्स के साथ उन्होंने चाय का स्वाद भी लिया। यहां तक कि कुछ लकड़ियों से बनी हुई और बिना जांची-परखी नाव पर सवार होकर उफनाती नदी पार करते हुए भी उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखी।
भारत के विचारों से रूबरू हुई दुनिया
प्रधानमंत्री मोदी ने इस शो के माध्यम से दुनियाभर को प्रकृति के प्रति भारतीय संस्कृति के विचारों से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि यहां हर जीव, पेड़-पौधे में ईश्वर का अंश माना जाता है। उन्होंने प्रकृति से संघर्ष नहीं, साम्य का संदेश दिया। सवाल-जवाब के बीच मोदी ने बचपन में प्रकृति के सानिध्य में बिताए पलों और बाद में हिमालय की गोद में बीती जिंदगी को भी याद किया। प्रकृति को लेकर परिवार से मिले संस्कारों की झलक भी उनकी बातों में स्पष्ट थी।
उत्सुकता के साथ लोगों ने देखा शो
डिस्कवरी के इस एडवेंचर शो को भारत समेत 180 देशों में प्रसारित किया गया। लोगों के बीच इसे लेकर उत्सुकता थी। छुट्टी का दिन होने और प्राइम टाइम में प्रसारण के चलते भारत में इसे बड़ी संख्या में देखा गया। कई जगहों पर लोग पूरे समय टेलीविजन स्क्रीन के सामने डटे रहे।
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