जब अटलजी ने कहा था, 'आप 11 सांसद दो, मैं छत्तीसगढ़ राज्य दूंगा'
वाजपेयी का छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव रहा है। उनके शासनकाल में ही 1 नवंबर सन 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ और छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य बना
रायपुर [जेएनएन]। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी को देश की राजनीति के महापुरुषों में से एक माना जाता है। हालांकि सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बावजूद आज भी उनकीलोकप्रियता वैसी ही बरकरार है, जैसी पहली थी। अटल जी ने ही छत्तीसगढ़ के लोगों का अपने राज्य का सपना पूरा किया था और इस वजह से आम छत्तीसगढ़िया का अटल जी के प्रति विशेष लगाव है।
2 जनवरी 1995 को रायपुर में सर्वदलीय मंच की रैली हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ के 7 सांसद, 23 विधायक और दो मंत्री शामिल हुए। चंदूलाल चंद्राकर के निधन के पश्चात मंच बिखर सा गया लेकिन तब तक राज्य की मांग राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्यता बन चुकी थी। हालांकि आंदोलन में शिथिलता आ रही थी।
तभी राजनीतिक पराभव के दिनों में सभी संभावनाओं को समेटकर विद्याचरण शुक्ल इस आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने राज्य संघर्ष मोर्चा का गठन किया। उनके आंदोलन का असर दिल्ली तक होने लगा। इन्हीं कारणों से चुनाव (98-99) के दौरान भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने रायपुर की सभा (सप्रेशाला मैदान) में जनता से वादा किया था- 'आप मुझे 11 सांसद दो, मैं छत्तीसगढ़ दूंगा" और कुछ समय बाद .. वह घड़ी आ गई.. जब सपना साकार हुआ।
अटलजी की वो हुंकार यादगार तारीख बन गई। केंद्र में अटल सरकार बनी। लगभग एक साल बाद यानी 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्य सभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी। 4 सितंबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और पुरखों का सपना साकार हुआ।
अटल जी को कहा जाता है छत्तीसगढ़ का निर्माता
अटल बिहारी वाजपेयी का छत्तीसगढ़ से गहरा लगाव रहा है। उनके शासनकाल में ही 1 नवंबर सन 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ और छत्तीसगढ़ देश का 26वां राज्य बना, इसलिए उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माता भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ के साथ ही उन्होंने उतराखंड और झारखंड राज्य का भी निर्माण किया है। 1 नवंबर 2000 में ही तीनों राज्यों का निर्माण हुआ था।
उच्च शिक्षा संस्थानों की रखी नींव
अटल बिहारी वाजपेयी ने सन 2004 में राज्य के तीन विश्वविद्यालयों क्रमश: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर, तकनीकी विवि दुर्ग और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि बिलासपुर की स्थापना की थी। इन तीन विश्वविद्यालयों की नींव उन्होंने ही रखी है।