सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने क्या कहा, जानें
राज्यसभा की दो सीटों को लेकर पार्टी के अंदरखाने तगड़ी रस्साकशी चल रही है। नेता अपने समर्थकों के जरिये टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के सियासी घमासान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर बघेल ने कहा कि बिल्ली के भाग्य से छींका नहीं टूटता। कांग्रेस से लोग शोर करते हुए जाते हैं और दुम दबाकर वापस आते हैं। इसके साथ ही बघेल ने एक शेर भी कहा, 'कुछ तो मजबूरियां रहीं होगीं, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता।'
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- अभी कमलनाथ के पत्ते खुलना बाकी
मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका दिल्ली दौरा राज्यसभा के प्रत्याशियों के चयन को लेकर है। मप्र की कमलनाथ सरकार के जाने या बचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी कमलनाथ के पत्ते खुलना बाकी है।
छत्तीसगढ़ में सरकार सुरक्षित, लेकिन नेता नाखुश
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच बघेल के दिल्ली दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास भारी बहुमत है। 90 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के 69 विधायक हैं। ऐसे में यहां सरकार को तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन निगम- मंडल के साथ ही संगठन के विस्तार में हो रही देर से पार्टी के कई नेता नाखुश हैं।
राज्यसभा की दो सीटों के लिए चल रही लॉबिंग
राज्यसभा की दो सीटों को लेकर भी पार्टी के अंदरखाने तगड़ी रस्साकशी चल रही है। नेता अपने समर्थकों के जरिये टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। चर्चा है कि दो में से एक सीट पार्टी के किसी दूसरे राज्य के नेता को दी जा सकती है। इसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला का नाम भी शामिल है। वहीं, प्रदेश से संगठन महामंत्री गिरीश देवांगन के साथ ही मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा का नाम चर्चा में है। उम्मीद की जा रही है कि इन्हीं में से कोई दो नाम फाइनल हो सकते हैं।