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दिल्ली दौरे पर ममता, विपक्षी ही नहीं भाजपा से खफा नेताओं से भी मिलेंगी

विपक्षी राजनीति के प्रमुख चेहरों की होड़ में शामिल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज से (31 जुलाई) तीन दिन के दिल्ली दौरे पर हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 09:09 AM (IST)
दिल्ली दौरे पर ममता, विपक्षी ही नहीं भाजपा से खफा नेताओं से भी मिलेंगी
दिल्ली दौरे पर ममता, विपक्षी ही नहीं भाजपा से खफा नेताओं से भी मिलेंगी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विपक्षी राजनीति के प्रमुख चेहरों की होड़ में शामिल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज से (31 जुलाई) तीन दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। इस दौरान वे यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव से मिल सकती हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि वे मित्र दलों के नेताओं ही नहीं बल्कि भाजपा के चर्चित असंतुष्ट चेहरों से भी मिलेंगी। पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा और सिने स्टार व लोकसभा के भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के साथ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की सियासी मुलाकात होगी। विपक्षी गठबंधन की राजनीति को आगे बढ़ाने की अपनी इस पहल के दौरान भाजपा विरोधी दूसरी पार्टियों के नेताओं से असम के विवादास्पद राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के मसले पर उनका समर्थन जुटान की कोशिश करेंगी।

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राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रॉयन ने खुद ममता की यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात की पुष्टि की। उनके मुताबिक दीदी मंगलवार को वरिष्ठ वकील राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी से मुलाकात करने उनके घर जाएंगी। जेठमलानी के आवास पर ही यशवंत और शत्रुध्न के साथ उनकी सियासी चर्चा होगी।

राजनाथ सिंह से मिलेंगी, NRC पर होगी बात

इस बीच ममता बनर्जी गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी मिलेंगी। इस दौरान वे असम एनआरसी मुद्दे पर अपनी बात रखेंगी। दरअसस, एनआरसी के मसौदे पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर सवाल उठाए हैं।

बनर्जी ने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट है। लेकिन इसके बावजूद उनका नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि 'सरनेम' देखकर लोगों के नाम ड्राफ्ट लिस्‍ट में से हटाए गए हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सोमवार को  असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा और अंतिम ड्राफ्ट पेश किया गया, इससे 40 लाख लोगों के सिर पर नागरिकता की तलवार लटक गई है।

गौरतलब है कि कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में खुलकर हिमायत करने वाले जेठमलानी अब उनके खिलाफ मुखर हैं। इसी तरह यशवंत सिन्हा बीते एक साल से सरकार और पीएम की नीतियों की खुली आलोचना करते हुए सीधा प्रहार कर रहे हैं। जबकि अविश्वास प्रस्ताव पर व्हिप की मजबूरी में मोदी सरकार के पक्ष में वोट देने वाले शत्रुध्न सिन्हा सोशल मीडिया के जरिये सरकार के कामकाज से लेकर पीएम पर सीधे कटाक्ष कर रहे हैं।

भाजपा के एक अन्य असंतुष्ट नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी से भी ममता की मुलाकात होनी थी मगर वे बिहार दौरे पर हैं। डेरेक के मुताबिक शौरी टीएमसी प्रमुख से चर्चा के लिए जल्द ही कोलकाता जाएंगे। ममता गुरूवार को संसद भवन में विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं से भी अगले चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के मसले पर चर्चा करेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी में से किसी एक से ममता की संसद भवन परिसर में मुलाकात की संभावनाओं से भी टीएमसी नेता इनकार नहीं कर रहे।


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