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राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं, उम्‍मीद है कि वे चुनौतियों को पार कर लेंगे: सोनिया गांधी

मीडिया द्वारा आयोजित एक इवेंट में मौजूद सोनिया गांधी ने हार का कारण सत्‍ता विरोधी लहर बताते हुए कहा, पार्टी में वरिष्‍ठ नेताओं की कभी अनदेखी नहीं की गयी।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 09 Mar 2018 11:10 AM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 05:06 PM (IST)
राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं, उम्‍मीद है कि वे चुनौतियों को पार कर लेंगे: सोनिया गांधी
राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं, उम्‍मीद है कि वे चुनौतियों को पार कर लेंगे: सोनिया गांधी

नई दिल्‍ली (एएनआई)। कांग्रेस की पूर्व अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को एक इवेंट के दौरान राहुल गांधी पर भरोसा जताते हुए कहा कि अध्‍यक्ष पद छोड़ने के बाद वे चिंतामुक्‍त हो गई हैं। उन्‍होंने कहा, ‘राहुल अपनी जिम्‍मेदारी समझते हैं वैसे उनके पूछने पर सलाह देती हूं।‘ इसके अलावा प्रियंका गांधी के राजनीति में आने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि यह फैसला वे स्‍वयं लेंगी।

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राहुल के सामने कई चुनौतियां

मीडिया द्वारा आयोजित एक इवेंट में मौजूद सोनिया गांधी ने हार का कारण सत्‍ता विरोधी लहर बताते हुए कहा, पार्टी में वरिष्‍ठ नेताओं की कभी अनदेखी नहीं की गयी। उन्‍होंने कहा, ‘राहुल के सामने कई चुनौतियां हैं, उम्‍मीद है कि वे चुनौतियों को पार कर लेंगे। उनका काम करने का अपना तरीका है, राहुल हमेशा नए लोगों को लाना चाहते हैं। राहुल की कोशिश रही है कि कांग्रेस में नई जान फूंकने के कदम उठाए जाएं, हालांकि इस कोशिश में वरिष्ठ नेताओं को भूलने की नहीं बल्कि युवाओं को उनके साथ आगे लाने की है.

... तो मुझे कायर समझते: सोनिया

सोनिया गांधी ने इंदिरा गांधी को याद करते हुए यह स्‍वीकार किया कि वे राजीव गांधी या खुद को राजनीति में नहीं उतारना चाहती थीं। उन्‍होंने आगे कहा, इंदिरा जी की हत्‍या के बाद काफी कुछ बदला। स्‍वयं के राजनीति में आने को लेकर उन्‍होंने कहा, राजनीति में नहीं आती तो लोग मुझे कायर कहते। कांग्रेस मुश्‍किल में थी इसलिए फैसला बदला। पीएम का पद अस्‍वीकार करने के बारे में उन्‍होंने बताया, ‘मैं अपनी क्षमताएं जानती हूं। भरोसा था कि मनमोहन मुझसे अधिक अच्‍छे प्रधानमंत्री होंगे।‘

कोल्‍ड स्‍टोरेज में आरटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए पूर्व अध्‍यक्ष सोनिया ने कहा, ‘सारी रामायण खत्‍म हो गई आप सीता के बारे में पूछ रहें हैं।‘ हालांकि उन्‍होंने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ की और कहा कि वे संसदीय परंपरा का सम्‍मान करते थे अभी संसदीय नियमों का पालन नहीं हो रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘हमारी ज्‍यूडिशियरी संकट में है। पारदर्शिता के लिए आरटीआई लाया गया लेकिन आज यह कानून कोल्‍ड स्‍टोरेज में है। आधार को कंट्रोल करने के हथियार के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा रहा है।‘

‘मैं कांग्रेसी महिला हूं’

उन्‍होंने खुद को कांग्रेसी महिला बताया और कहा झूठे व खोखले दावों पर मैं विश्‍वास नहीं करती। राजस्‍थान और मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस ने अच्‍छा प्रदर्शन किया है साथ ही कर्नाटक में दोबारा सरकार बनने की उम्‍मीद है। अर्थव्‍यवस्‍था पर कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए उन्‍होंने कहा मैं अर्थशास्‍त्री नहीं इस के लिए मनमोहन व चिदंबरम बेहतर जवाब दे पाएंगे।

आज अभिव्‍यक्‍ति की आजादी पर खतरा

सोनिया गांधी ने कहा कि राजनीति आज एक अलग दौर से गुजर रही है। लोकतंत्र में खुली बहस की छूट होनी चाहिए. लेकिन आज अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा मंडरा रहा है। सोनिया गांधी ने कहा कि विविधिता में एकता ही लोकतंत्र की ताकत है। लेकिन आज वोट के लिए समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है।

सोनिया ने सवाल किया, ‘क्‍या 26 मई 2014 के पहले वास्‍तव में भारत एक बड़ा ब्‍लैक होल था? केवल चार साल पहले यहां प्रगति, शांति और समृद्धि की शुरुआत हुई? क्‍या यह दावा हमारी जनता के सम्‍मान के खिलाफ नहीं।‘

सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की लगातार 10 साल तक सरकार रही लिहाजा 2014 में कुछ एंटीइन्कम्बेंसी थी। इसके साथ ही कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी के सामने मार्केटिंग में मात खानी पड़ी। लिहाजा, सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी से कनेक्ट करने के लिए नई स्टाइल की जरूरत है। इसके साथ ही कांग्रेस को अपने प्रोग्राम और पॉलिसीज को नए तरीके से पेश करने की जरूरत है।


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