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36 वर्षीय मुस्लिम युवक ने छोड़ा ऑस्ट्रेलिया का ऐशोआराम, चुने गए विधायक

वाजिब अली ने बताया कि बड़े भाई चूंकि ऑस्ट्रेलिया में थे, तो वे खुद भी वहां चले गए। वहां पढ़ाई भी की और बिजनेस को भी आगे बढ़ाया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 11:26 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 11:26 AM (IST)
36 वर्षीय मुस्लिम युवक ने छोड़ा ऑस्ट्रेलिया का ऐशोआराम, चुने गए विधायक
36 वर्षीय मुस्लिम युवक ने छोड़ा ऑस्ट्रेलिया का ऐशोआराम, चुने गए विधायक

जयपुर(ब्यूरो)।  राजस्थान विधानसभा चुनाव यूं तो कई तरह से याद रखा जाएगा, लेकिन इस चुनाव में एक ऐसे उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है जिनके बारे में आप जानना चाहेंगे। राज्य में मेवात क्षेत्र के वाजिब अली ने सियासत के नए आयाम बनाए हैं।  वाजिब अपने इलाके में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों का पिछड़ापन मिटाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से लौटकर आया है। यह युवा विधायक बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेमसिंह फौजदार को चुनाव में हराया।

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गांव के सरकारी स्कूल में हुई शिक्षा

वाजिब अली की उम्र इस समय सिर्फ 36 वर्ष है। वे नगर विधानसभा क्षेत्र के ही एक छोटे से गांव सीकरी के रहने वाले हैं। यहीं के सरकारी स्कूल में पढ़े और फिर दिल्ली स्थित जामिया से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद वाजिब अली बड़े भाई इंताज खान के पास ऑस्ट्रेलिया चले गए। वहां उन्होंने आईटी में एमटेक किया। नईदुनिया से बातचीत में वाजिब अली ने बताया कि बड़े भाई चूंकि ऑस्ट्रेलिया में थे, तो वे खुद भी वहां चले गए। वहां पढ़ाई भी की और बिजनेस को भी आगे बढ़ाया।

वाजिब का बड़ा भाई मेलबोर्न शहर में काउंसलर

वाजिब ने बताया कि उनका परिवार मेलबोर्न में सात कॉलेज और एक स्कूल चलाता है। उनका मुख्य बिजनेस रीयल एस्टेट का है और उनके भाई इंताज खान दो बार से मेलबोर्न शहर में काउंसलर हैं। अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले वाजिब अली ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद भी अपने गांव को नहीं भूल पाए। इसीलिए ऑस्ट्रेलिया में रहकर भी उन्हें इलाके का पिछड़ापन सताता रहा। उन्होंने 2013 में भी यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। लेकिन इस बीच इलाके में अपना काम जारी रखा और इस बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत गए।

सरकार का सहयोग नहीं मिला तो खुद के पैसे से कराएंगे काम

वाजिब कहते हैं कि यह पूरा इलाका काफी पिछड़ा हुआ है। यहां भ्रष्टाचार चरम पर है और शिक्षा व स्वास्थ्य की हालत बहुत खराब है। खुद मेव समुदाय को काफी बदनाम किया गया है। वे यह सब बदलना चाहते हैं और इसी वादे के साथ उन्होंने चुनाव लड़ा है कि वे सरकार के प्रयास से यहां के हालात बदलेंगे और सरकार का सहयोग नहीं मिला तो खुद यहां अच्छे स्कूल और अस्पताल खोलेंगे।

वाजिब अली कहते हैं कि एक तरफ ऑस्ट्रेलिया है जहां विकास ही विकास है और दूसरी तरफ उनका अपना मेवात है, जिसे आप सबसे अधिक पिछड़ा कह सकते हैं, मुझे इस इलाके की बेहतरी के लिए काम करना है। लोगों का भरपूर साथ मिला है, इसलिए वे उनसे किए वादे को जरूर पूरा करेंगे।


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