विश्व हिंदू परिषद की धर्मसंसद : अयोध्या में राम मंदिर को लेकर मोदी सरकार में आस्था
धर्म संसद में अयोध्या में गैर विवादित भूमि की मांग को लेकर केंद्र की याचिका का स्वागत किया गया। इसके साथ ही तय किया गया कि अयोध्या में मंदिर को लेकर नये चरण से आंदोलन नहीं होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज कुंभ में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के दूसरे दिन नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर मुहर लग गई। धर्म संसद में सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में गैर विवादित भूमि की मांग को लेकर केंद्र सरकार की याचिका का स्वागत किया गया। इसके साथ ही तय किया गया कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर नये चरण से आंदोलन नहीं होगा।
प्रयागराज के कुंभनगर में विश्व हिंदू परिषद की दो दिनी धर्म संसद के अंतिम दिन अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चर्चा की गई। विहिप की इस धर्म संसद में राम मंदिर को लेकर प्रस्ताव लाया गया। इसमें मांग गई कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर प्रकरण पर रोज सुनवाई कर दो-तीन महीना में अपना कोई फैसला दे। इसके साथ ही इसमें केंद्र सरकार के गैर विवादित जमीन को वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के फैसले का स्वागत किया गया। इसके साथ ही साथ विहिप ने प्रस्ताव पास किया कि राम मंदिर के लिए आंदोलन के नये चरण की शुरूआत नहीं होगी। विहिप ने कहा कि हमें मोदी सरकार में पूरी आस्था है। संतों ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया और लोकसभा चुनाव तक आंदोलन नहीं करने का फैसला भी किया। धर्म संसद में कहा गया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर देकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर दी है। संतों को मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है।
विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद के पहले दिन स्वामी वासुदेवानंद की अध्यक्षता तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत, योग गुुरु रामदेव समेत अनेक साधु संतों की मौजूदगी में 'हिंदू समाज के विघटन का षड्यंत्र रोकने' का प्रस्ताव भी पारित किया गया। कल पूरे दिन कवायद चलती रही। मंदिर को लेकर संघ, सरकार व संत तीनों अपनी जिम्मेदारी के अनुसार रणनीति बनाने में व्यस्त रहे। सीएम योगी आदित्यनाथ व संघ प्रमुख मोहन भागवत की करीब डेढ़ घंटे तक चली वार्ता का मुख्य विषय था। मुख्यमंत्री ने संघ प्रमुख से बताया कि सरकार मंदिर निर्माण करने पर दृढ़ प्रतिज्ञ है, लेकिन कोर्ट की वजह से इसमें समय लग रहा है। इस वजह से सरकार चाहकर भी इसमें जल्दीबाजी नहीं कर पा रही है। इसी तरह संतों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने मंदिर निर्माण पर सरकार का समर्थन मांगा। योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर शंकराचार्य निश्चलानंद को आश्वस्त किया कि अयोध्या में मंदिर अवश्य बनेगा लेकिन इसमें उसे मोहलत चाहिए।