Move to Jagran APP

नाराज वेंकैया नायडू बोले, सदन में विपक्ष का विरोध 'लोकतंत्र की हत्या'

सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी सदस्यों से वापस जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैंने हर विषय पर चर्चा की अनुमति दी है। लेकिन कोई बिल पास नहीं हुआ है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 07:18 AM (IST)
नाराज वेंकैया नायडू बोले, सदन में विपक्ष का विरोध 'लोकतंत्र की हत्या'
नाराज वेंकैया नायडू बोले, सदन में विपक्ष का विरोध 'लोकतंत्र की हत्या'

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा में भ्रष्टाचार निरोधक कानून पारित नहीं हो सका। शोरशराबे के कारण सदन की कार्यवाही अनेक स्थगनों के बाद अंतत: बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित हो गई।

loksabha election banner

सुबह 11 बजे पुनर्निर्वाचित व निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण तथा मंत्रियों की ओर से दस्तावेज पेश किए जाने के तुरंत बाद तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य 'सेव आंध्र प्रदेश' के नारे लगाते हुए वेल में पहुंच गए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने उनसे वापस अपनी सीटों पर जाने का अनुरोध किया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी सदस्यों से वापस जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैंने हर विषय पर चर्चा की अनुमति दी है। लेकिन कोई बिल पास नहीं हुआ है। देश विकास चाहता है। आप लोग जनता के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। कृपया समझें कि सदन की हालत देखकर पूरा देश गुस्से में है। उन्होंने विपक्ष के विरोध को 'लोकतंत्र की हत्या' करार देते हुए कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।

दो बजे नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा हम बिल पास करना चाहते हैं। पूरा विपक्ष यही चाहता है। ये हमारी जिम्मेदारी नहीं है। लेकिन हमें लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले मसले उठाने का भी अधिकार है। परंतु सत्तारूढ़ दल की रुचि न तो बिल पारित होने देने में है और न चर्चा में। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मसले पर आजाद ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के अलावा पिछली सरकार ने भी आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद उसे विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। इसलिए उस वादे का निभाया जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने बैंकिंग घोटाले तथा सीबीएसई पेपर लीक के मुद्दे भी उठाए और विपक्ष की ओर से इन चर्चा की मांग की। उन्होंने एससी/एसटी एक्ट का जिक्र भी किया और कहा कि यह कानून दलितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।

आजाद कुछ देर ही बोल पाए थे कि तेलुगू देशम सदस्यों ने पुन: नारे बाजी शुरू कर दी। कांग्रेस व बसपा सदस्यों ने भी 'दलित विरोधी ये सरकार नहीं चलेगी' के नारे लगाकर उनका साथ दिया। इस पर उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन को सवा तीन बजे तक स्थगित कर दिया। इसके बाद कार्यवाही कई बार रुकी और चली। कुरियन ने कहा विपक्ष ने कहा था कि वो चर्चा चाहता है जबकि सरकार ने कहा था कोई काम नहीं हो रहा। भ्रष्टाचार निरोधक बिल पास नहीं हुआ है। इससे सरकार के कई कार्यक्रम रुक जाएंगे। यह बिल सरकार के नहीं बल्कि देश के हित में है। इसलिए इसे चर्चा शुरू करें और इसे पारित होने दें। इस बीच मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने बिल को पेश कर दिया। कुरियन ने वोट की अपील की। लेकिन विफल रहे।

हंगामे और शोरशराबे के बीच वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने सर्किट बोर्डो पर बुनियादी सीमा शुल्क दर को शून्य से बढ़ाकर 10 फीसद करने से संबंधित प्रस्ताव भी पेश किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.