हर घर को बिजली देने में उत्तर प्रदेश की अड़चन, 50 लाख घरों को जोड़ना बाकी
हर घर को बिजली से जोड़ने की सरकार की योजना अगर किसी कारण से लक्ष्य तक पूरी नहीं हो सकेगी तो उसके लिए देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश ही जिम्मेदार होगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। हर घर को बिजली से जोड़ने की सरकार की योजना अगर किसी कारण से लक्ष्य तक पूरी नहीं हो सकेगी तो उसके लिए देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश ही जिम्मेदार होगा। पिछले वर्ष पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से लांच की गई सौभाग्य योजना के तहत नौ राज्यों के सभी सौ फीसद घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है।
लेकिन सिर्फ उत्तर प्रदेश में अभी 50 लाख घरों को बिजली से जोड़ना है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने 31 दिसंबर, 2018 तक इन सभी घरों को बिजली देने का लक्ष्य रखा है। दूसरे राज्यों में प्रगति तो काफी संतोषजनक है लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकारी एजेंसियों को बहुत आशातीत सफलता नहीं मिल रही है।
सौभाग्य योजना लागू होने से पहले देश के सात राज्यों के सभी घरों में बिजली पहुंची हुई थी। इस तरह से 16 राज्यों के सौ फीसद घरों में बिजली पहुंच चुकी है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सौभाग्य योजना के तहत दो करोड़ घरों को बिजली दी जा चुकी है।
जिन नौ राज्यों को सौभाग्य के तहत कवर किया गया है उनमें बिहार, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम, सिक्किम, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और जम्मू व कश्मीर हैं। सरकार का दावा है कि इनके सभी घरों में बिजली पहुंच चुकी है।
उत्तर प्रदेश के अलावा जिन राज्यों में सौ फीसद घरों को कवर करना है उनमें महाराष्ट्र, मणिपुर, छत्तीसगढ़, झारखंड व अरुणाचल प्रदेश हैं। लेकिन यूपी के अलावा अन्य राज्यों में काम काफी कम बचा है। यूपी के बारे में बिजली मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि वहां काम तेज हुआ है और रोजाना तकरीबन एक लाख घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। लेकिन यह 31 दिसंबर, 2018 तक लक्ष्य को हासिल करने में नाकाफी होगा।