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राज्यसभा में दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक पर हंगामा, कांग्रेस व आप समेत समूचे विपक्ष ने बिल का किया विरोध

आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस विषय पर उनका नोटिस लंबित है। पहले उस पर विचार होना चाहिए। उपसभापति ने उन्हें आश्वस्त किया कि प्रस्ताव पेश करने के बाद उनके नोटिस पर विचार कर लिया जाएगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 08:39 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 08:42 PM (IST)
सदन चार बार हुआ स्थगित, बुधवार को फिर होगी चर्चा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिक ताकत देने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2021 पर राज्यसभा में मंगलवार को जबर्दस्त हंगामा हुआ। इसके चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। विधेयक पर बुधवार को एक बार फिर चर्चा कराई जाएगी, जिस पर विभिन्न दलों के बीच सहमति बन गई है। राज्यसभा में बुधवार को शून्यकाल व प्रश्नोत्तरकाल स्थगित रहेगा। सदन 10 बजे ही बुला लिया गया है।

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निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सुबह सबसे पहले वित्त विधेयक पर चर्चा कराई जाएगी। इसके बाद दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक समेत कई अन्य विधेयकों पर बहस कराई जा सकती है। यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने सदन को यह जानकारी दी, जिसके बाद सदन कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले उपसभापति हरिवंश नारायण ¨सह ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2021 को सदन में पेश करने के लिए कहा। इसे लेकर सदन में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और आप के सदस्यों ने विधेयक पेश करने की अनुमति पर सवाल खड़ा करते हुए शोरशराबा किया।

दिल्ली सरकार के चुने जनप्रतिनिधियों के अधिकारों पर कब्जा होगा: खड़गे

आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस विषय पर उनका नोटिस लंबित है। पहले उस पर विचार होना चाहिए। उपसभापति ने उन्हें आश्वस्त किया कि प्रस्ताव पेश करने के बाद उनके नोटिस पर विचार कर लिया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधेयक को घातक करार देते हुए कहा कि यह दिल्ली सरकार के चुने जनप्रतिनिधियों के अधिकारों पर कब्जा होगा, जिससे लोकतंत्र खत्म होगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए।

शोरशराबा, हंगामा और हो-हल्ला के बीच उपसभापति ने सदन को स्थगित कर दिया, लेकिन सदन के दोबारा बैठने पर विरोध के चलते हालात वैसे ही बने रहे। इसके बाद लगातार कई बार सदन बैठा और स्थगित हुआ, लेकिन विधेयक पेश नहीं किया जा सका। सभी दलों के नेताओं के बीच सभापति के समक्ष इस बात पर सहमति बनी कि बुधवार को वित्त विधेयक पर चर्चा के बाद इस मुद्दे पर बहस कराई जा सकती है। बता दें कि यह विधेयक पारित होने के बाद दिल्ली सरकार को अपना हर एग्जीक्यूटिव फैसला उपराज्यपाल के समक्ष पेश करने की अनिवार्यता हो जाएगी।


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