मप्र विधानसभा में उपयोग नहीं हो सकेंगे असंसदीय शब्द, 1560 शब्दों व वाक्यांशों की पुस्तिका विमोचित
पुस्तिका में 23 नवंबर 1954 से लेकर 16 मार्च 2021 तक विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विलोपित कराए गए शब्द एवं वाक्यांश शामिल हैं। पुस्तिका का रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने विमोचन किया।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश विधानसभा के सोमवार से प्रारंभ होने वाले मानसून सत्र में सदस्य मूर्ख, चोर, फेंकू, पप्पू, निकम्मे, बेशर्म, पाखंडी सहित 1560 शब्द एवं वाक्यांश का उपयोग नहीं कर सकेंगे। विधानसभा सचिवालय ने 40 पेज की असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह पुस्तिका तैयार की है, जिसका रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने विमोचन किया।
असंसदीय शब्द और वाक्यांशों की सूची में इन्हें किया शामिल
पुस्तिका में 23 नवंबर 1954 से लेकर 16 मार्च 2021 तक विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विलोपित कराए गए शब्द एवं वाक्यांश शामिल हैं। इनमें धोबी के कुत्ते की तरह, छुट्टे सांडों की तरह फिरना, कलमुंही, सफेदपोश गुंडे, बेशर्मों की तरह बैठना, मूर्खतापूर्ण, बेशर्म, झूठा, टुच्चा, ढोंगी, पाखंडी, नालायक, जमूरा, औकात, पापी, भाड़ में जाए, निकम्मा, भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री नहीं चलेगा, आपके यहां गुलामों की फौज है, बकवास, अय्याशी, निकम्मी सरकार, धिक्कार, बेशर्म हुकूमत, दस नंबरी, यार, मक्खनबाजी, भांड, चमचे, मिर्ची लगना, भ्रष्टाचारी, फालतू की बात, मोटी अकल, लल्लू मुख्यमंत्री, पागल, ढपोलशंखी, गप्पी दास, अलीबाबा 40 चोर, धिक्कार, शिखंडी, ओछी, पप्पू पास हो जाएगा, बंटाधार सहित अन्य शामिल हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र कल से
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से प्रारंभ होगा। चार दिवसीय इस सत्र में शिवराज सरकार मिलावटी (जहरीली) शराब के मामलों में सख्त सजा का प्राविधान करने के लिए आबकारी अधिनियम में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगी। इसमें बार-बार मिलावटी शराब का कारोबार करने वाले के लिए मृत्युदंड (फांसी) का प्राविधान किया जा रहा है। जुर्माने की राशि 25 लाख रुपये रखी जाएगी। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त विभाग प्रथम अनुपूरक अनुमान (बजट) प्रस्तुत करेगा। इसी सत्र में नगरीय विकास एवं आवास विभाग नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश पटल पर रखेगा। सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों और निर्माण को नियमित करने के लिए अधिनियम में प्राविधान किए हैं। इसके संबंध में अब संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।
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