केंद्रीय मंत्री ने कहा- भाजपा ने नहीं, कांग्रेस ने की है महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या
राजनीति की एक स्वाभाविक गति और दिशा होती है जिसे कितना भी बड़ा नेता हो लंबे समय तक रोक नहीं सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर चौतरफा मचे घमासान के बीच भाजपा का शीर्ष नेतृत्व निश्चिंत नजर आ रहा है। भाजपा नेताओं का मानना है कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा के नेताओं की तमाम कोशिशों के बावजूद इस बेमेल गठबंधन में विधायकों को जोड़े रखना संभव नहीं होगा।
विपक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों में दम नहीं
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के अनुसार लोकतंत्र की हत्या और विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं है और चुनावी नतीजों की अवहेलना कर अवसरवादी गठबंधन और सरकार बनाने की जद्दोजहद कर रहे नेताओं की असलियत को दुनिया देख रही है।
कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने की लोकतंत्र की हत्या
संसद भवन के गलियारे में भाजपा के एक शीर्ष नेता ने लोकतंत्र की हत्या के विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लोकतंत्र की हत्या तो उसी दिन हो गई थी, जिस दिन जनता से मिले स्पष्ट बहुमत के बावजूद कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने तमाम नैतिकता को ताख पर रखते हुए सरकार बनाने की कोशिश शुरू की थी, लेकिन उनके बीच मतभेद इतना गहरा था कि एक महीने के प्रयास के बाद भी उसे पूरी तरह से दूर नहीं किया जा सका था।
हार्स ट्रेडिंग के विपक्ष के आरोप पर कहा- सारा तबेला तो उन्हीं के पास है
विधायकों की खरीद-फरोख्त के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि 'सारा तबेला' तो उनके पास है। उन्होंने पूछा कि फिर 'हार्स ट्रेडिंग' कौन कर रहा है।
बेमेल गठबंधन विधायकों को एकजुट रखने में सफल नहीं होगा
वैसे तो इस मुद्दे पर दिल्ली में भाजपा का कोई भी बड़ा नेता खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत बातचीत में वे कहते हैं कि तमाम कोशिशों और विधायकों को एकजुट दिखाने की कोशिशों के बावजूद राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना के बेमेल गठबंधन विधायकों को रोके रखने में सफल नहीं होगा।
शिवसेना विधायक पार्टी नेतृत्व के दबाव में चुप हैं
शिवसेना में भी ऐसे विधायक बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें अपने पार्टी नेतृत्व का भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने की वजह हजम नहीं हो पा रही है। फिलहाल वे पार्टी नेतृत्व के दबाव में चुप जरूर हैं, लेकिन मौका मिलने पर उनका विरोध खुलकर सामने आना तय है।
एनसीपी में भी कई विधायक भाजपा के साथ गठबंधन के पक्षधर हैं
एनसीपी में भी भाजपा के साथ गठबंधन के पक्षधर सिर्फ अजीत पवार अकेले नहीं हैं, बल्कि बड़ी संख्या में ऐसे विधायक हैं, जो मानते हैं कि तीन पार्टियों के गठबंधन के बजाय एक पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन ज्यादा बेहतर विकल्प है।
कर्नाटक में बेमेल गठबंधन की सरकार बनाने का नतीजा सामने है
कर्नाटक में जबरदस्ती बेमेल गठबंधन की सरकार बनाने का नतीजा सबके सामने है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजनीति की एक स्वाभाविक गति और दिशा होती है, जिसे कितना भी बड़ा नेता हो, लंबे समय तक रोक नहीं सकता है।