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केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, भारत ईरान से तेल खरीदना जारी रखेगा

अमेरिका से इस तरह की खबरें आ रही है कि वह कुछ देशों को ईरान प्रतिबंध से सशर्त छूट देने पर विचार कर रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 12:16 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, भारत ईरान से तेल खरीदना जारी रखेगा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका की तरफ से ईरान से कारोबार करने वाले कुछ देशों को प्रतिबंधों से सशर्त छूट देने के संकेत मिलने के साथ ही भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान से तेल खरीदना जारी रखेगा। स्थिति यह है कि चार हफ्ते में ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने वाला है, लेकिन भारतीय तेल कंपनियां अभी भी ईरान से तेल खरीदने का सौदा कर रही हैं। यही नहीं ईरान इस तेल की कीमत रुपये में लेने को भी तैयार है। वैसे भारत की तरफ से अमेरिका को यह समझाने की भी कोशिश हो रही है कि वह पहले के मुकाबले ईरान से कम तेल खरीदेगा।

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4 नवंबर से लागू होगा ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध

पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि भारत ईरान से तेल खरीदने का अपना विकल्प जारी रखे हुए है। नवंबर, 2018 के लिए भी भारत की दो तेल कंपनियों ने ईरान से तेल खऱीदने का समझौता किया है। हालांकि अभी यह मालूम नहीं है कि अमेरिका का इन दोनों कंपनियों को लेकर रुख क्या होगा। क्योंकि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध 04 नवंबर, 2018 से जारी हो रहे हैं।

पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि भारत ईरान से तेल खरीद फिलहाल जारी रखेगा। लेकिन यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने यह बात कही है। नवंबर के लिए भारतीय तेल कंपनियो ने तकरीबन 90 लाख बैरल तेल का सौदा किया है।

सूत्रों का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था में ईरान के तेल की अहमियत को देखते हुए भारत के लिए उससे तेल खरीद को पूरी तरह से बंद करना मुश्किल है। खासतौर पर तब जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में अस्थिरता है। अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए ईरान तेल का भुगतान भारतीय रुपये में लेने को तैयार है। इस बात का खुलासा देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने किया है।

आईओसी चेयरमैन ने कहा है कि ईरान के साथ भुगतान के दूसरे विकल्पों पर विमर्श हो रहा है और उम्मीद है कि रुपये में भुगतान को लेकर जल्द ही रास्ता निकल आएगा। रूपये में भुगतान भारत के लिए बड़ी राहत की बात होगी क्योंकि इसमें उसे अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल नही करना होगा। भारत अपनी जरुरत का तकरीबन 15-20 फीसद कच्चा तेल ईऱान से खरीद करता रहा है। सउदी अरब के बाद भारत सबसे ज्यादा तेल ईरान से खरीदता है। जबकि ईऱान के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है।

सनद रहे कि अमेरिका ने ईरान पर उसके परमाणु प्रसार का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ये प्रतिबंध ईऱान और ईरान के साथ कारोबार करने वाली सभी कंपनियों व देशों पर 04 नवंबर, 2018 से लागू होंगे।

अमेरिका का संकेत, कुछ देशों को मिल सकती है रियायत

सितंबर, 2018 में अमेरिका के साथ टू प्लस टू वार्ता में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था। इसके जवाब में अमेरिका ने कहा था कि वह स्वयं कोशिश करेगा कि ईरान से जितना तेल भारत खरीदता है वह दूसरे स्रोतों से उसे उपलब्ध कराये, लेकिन अभी तक अमेरिका की तरफ से इस तरह का कोई विकल्प नहीं दिया जा सका है। हालांकि अमेरिका से इस तरह की खबरें आ रही है कि वह कुछ देशों को ईरान प्रतिबंध से सशर्त छूट देने पर विचार कर रहा है। 


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