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केंद्रीय मंत्री आठवले ने राज्यसभा में कहा- हाथ से मैला उठाने की वजह से नहीं हुई कोई मौत

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में बताया है कि हाथ से मैला उठाने की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। हाथ से मैला उठाने वालों के तौर पर रोजगार पर प्रतिबंध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत हाथ से मैला उठाने पर प्रतिबंध है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 01:37 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 01:37 AM (IST)
आठवले ने राज्यसभा में कहा, हाथ से मैला उठाने वाले 66,692 लोगों की हुई थी पहचान

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में बताया है कि हाथ से मैला उठाने की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। 'हाथ से मैला उठाने वालों के तौर पर रोजगार पर प्रतिबंध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013' के तहत हाथ से मैला उठाने पर प्रतिबंध है।

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आठवले ने राज्यसभा में कहा- हाथ से मैला उठाने वाले 66,692 लोगों की हुई थी पहचान

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने कहा कि हाथ से मैला उठाने वाले 66,692 लोगों की पहचान की गई थी।

आठवले ने राज्यसभा में कहा- हाथ से मैला उठाने की वजह से नहीं हुई कोई मौत

हालांकि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले यह पूछे जाने पर कि हाथ से मैला उठाने वाले कितने लोगों की मौत हुई है, केंद्रीय मंत्री ने ऐसी किसी मौत से इन्कार किया।

सरकार हाथ से मैला उठाने की वजह से किसी मौत को चिह्नित नहीं करती

सरकार हाथ से मैला उठाने की वजह से किसी मौत को चिह्नित नहीं करती बल्कि उन्हें सेप्टिक टैंकों और सीवरों की खतरनाक सफाई से हुई मौत बताती है। पिछले संसद सत्र में भी 10 मार्च को आठवले ने कहा था, 'हाथ से मैला उठाने की वजह से कोई मौत रिपोर्ट नहीं हुई है। यद्यपि सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान लोगों की मौत की रिपोर्टे हैं।'

सफाई कर्मचारी नेता ने कहा- मंत्री ने सीवरों की सफाई करते हुए 340 लोगों की मौत को स्वीकारा था

सफाई कर्मचारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक बेजवादा विल्सन ने कहा कि मंत्री महोदय ने खुद स्वीकार किया था कि सीवरों की सफाई करते हुए 340 लोगों की मौत हुई थी।


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