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सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए कोई एतिहासिक इमारत नहीं की जाएगी ध्वस्त, जानें पुराने संसद भवन को लेकर योजना

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए कोई प्रतिष्ठित और एतिहासिक इमारत ध्वस्त नहीं की जाएगी। अभी पुराने संसद भवन के इस्‍तेमाल को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 05:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 07:04 PM (IST)
सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए कोई प्रतिष्ठित और एतिहासिक इमारत ध्वस्त नहीं की जाएगी।

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। केंद्र सरकार ने बताया है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए कोई भी एतिहासिक इमारत ध्वस्त नहीं की जाएगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि इस परियोजना के लिए कोई प्रतिष्ठित और एतिहासिक इमारत ध्वस्त नहीं की जाएगी। उन्‍होंने यह भी बताया कि परियोजना के पहले चरण में साल 2022 तक नई संसद बनकर तैयार हो जाएगी। अभी पुराने संसद भवन के इस्‍तेमाल को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है। 

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केंद्रीय शहरी विकास मंत्री (Urban Development Minister Hardeep Singh Puri) ने बताया कि केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा परियोजना के तैयार होने के बाद यह लगभग 50 हजार कर्मचारियों को समायोजित करेगी। इस इमारत में सुलभता के लिए एक भूमिगत शटल प्रणाली होगी। कांग्रेस की ओर से आपत्ति जताए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पुरी ने विपक्षी दल के कार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि शास्त्री भवन, निर्माण भवन और अन्‍य इमारतें सेंट्रल विस्टा परियोजना जैसी नहीं हैं।

पुरी बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य अमी याज्ञनिक के सवाल का जवाब दे रहे थे। याज्ञनिक ने उनसे पूछा था कि संसद की नई इमारत के लिए कितनी इमारतें गिराई जाएंगी। पुरी ने सदन को आश्वस्त किया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए एक भी ऐतिहासिक इमारत को नहीं गिराया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि संसद की नई इमारत के निर्माण के लिए निविदा निकाल कर ठेका दिया गया है। 

पुरी ने कहा कि नई इमारत के बनने के बाद पुरानी इमारत का क्या उपयोग किया जाएगा, इस बारे में अभी से कुछ कहना जल्दबाजी होगी। यह पूछे जाने पर कि इस परियोजना के लिए कौन कौन सी इमारतें गिराने के लिए चिह्नित की गई हैं, पुरी ने कहा कि परियोजना के दायरे में अस्थायी कार्यालयों, ढांचों को हटाया जाएगा। इन कार्यालयों को कस्तूरबा गांधी मार्ग या अफ्रीका एवेन्यू में स्थानांतरित किया जाएगा। 

उन्होंने यह भी बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना में दिल्ली के अलग अलग स्थानों पर स्थित सरकारी कार्यालयों को एक जगह लाने का प्रस्ताव है। इनमें उपराष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, केंद्रीय सचिवालय आदि भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी में, विभिन्न राज्य सरकारों के कार्यालयों को एक स्थान पर लाना अच्छी बात होगी लेकिन इस बारे में प्रस्ताव राज्य सरकारों की ओर से आना चाहिए।

इससे पहले मंत्रालय की ओर से फरवरी में जारी बयान में कहा गया था कि राजपथ के आसपास के क्षेत्र सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास पर काम शुरू कर दिया गया है। सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) उत्तर और दक्षिण ब्लॉक से इंडिया गेट तक फैला है। इसमें राजपथ के आस पास का क्षेत्र, विजय चौक और इंडिया गेट प्लाजा के साथ तीन किलोमीटर लंबा खंड है।

केंद्र सरकार ने पिछले साल 10 नवंबर में 608 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके लिए दिल्ली शहरी कला आयोग, विरासत संरक्षण समिति, सेंट्रल विस्टा समिति और अन्य स्थानीय निकायों से अनुमति ली गई थी। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक आजादी के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके बाद परिदृश्‍य बदल गया है। नई इमारत बेहद भव्‍य और अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। 


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