रामदेव की टिप्पणी से आहत उमा बोलीं- चालाकी, चापलूसी और साजिश नहीं आती
उमा ने कहा कि गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब है। इससे मेरा आत्मसम्मान आहत हुआ है।
भोपाल [नईदुनिया]। केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने योग गुरु बाबा रामदेव को पत्र लिखकर उनके द्वारा लंदन में की गई टिप्पणी पर नाराजी जताई है। उमा ने कहा कि गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब है। इससे मेरा आत्मसम्मान आहत हुआ है। उन्होंने लिखा मुझे चालाकी, चापलूसी और साजिश नहीं आती है।
गौरतलब है कि गंगा सफाई से जुड़े एक सवाल पर बाबा ने कहा था कि उमा भारती की फाइल ऑफिस में अटक जाती है, जबकि नितिन गडकरी की फाइल नहीं अटकती है। देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह गडकरी हैं। इस टिप्पणी पर उमा ने रामदेव को तीन पेज का पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने कहा है कि 'मेरा जीवन गंगा से जुड़ चुका है अपनी जान पर खेलकर यह काम करूंगी।' उन्होंने यह भी लिखा है कि 'मैं खुद गडकरी की प्रशंसक हूं और उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। उनके साथ काम करना सम्मान की बात है, लेकिन आपने मेरे बारे में सार्वजनिक तौर पर चर्चा करते समय यह ध्यान नहीं दिया कि आप मुझे निजी तौर पर आहत कर रहे हंै, आपके मुंह से निकला कोई जुमला मुझे हानि पहुंचा सकता है।' रामदेव ने लंदन में टेम्स नदी के किनारे 23 जून को उक्त टिप्पणी की थी।
उमा ने यह भी जिक्र किया है कि अभी तक 50 सालों में अथक परिश्रम, निष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति रही है और इसी विश्वसनीयता ने मुझे राजनीति में उचित स्थान दिलाया है। आप योग गुरु, स्वदेशी के मसीहा और मेरे मार्गदर्शक भी हैं। आपने सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी की है इसलिए मैं भी अपने पत्र को सार्वजनिक करूंगी।