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यासीन मलिक के संगठन पर बरकार रहेगा प्रतिबंध, UAPA Tribunal ने कहा - विश्वसनीय आधार मौजूद

UAPA Tribunal ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) को गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित करने और केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखने के लिए विश्वसनीय सबूत हैं।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 12:34 PM (IST)
यासीन मलिक के संगठन पर बरकार रहेगा प्रतिबंध, UAPA Tribunal ने कहा - विश्वसनीय आधार मौजूद
यासीन मलिक के संगठन पर बरकार रहेगा प्रतिबंध, UAPA Tribunal ने कहा - विश्वसनीय आधार मौजूद

नई दिल्ली, एएनाइ। अलगाववादी संगठन जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF)  और उसके मुखिया यासीन मलिक को करारा झटका लगा है। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम ट्रिब्यूनल (UAPA Tribunal ) ने कहा है कि जेकेएलएफ को गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित करने और केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखने के लिए विश्वसनीय सबूत हैं।

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बता दें कि केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में यासीन मलिक को आतंक विरोधी कानून (UAPA) के तहत बैन कर दिया था। इसके बाद जस्टिस चंद्रशेखर की अध्यक्षता में एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। ट्रिब्यूनल ने 20 सितंबर को अपने आदेश में कहा कि संगठन की गतिविधियों से भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा है। इस आदेश में कहा गया कि यह संगठन जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए अन्य  समूहों के साथ मिलकर काम कर रहा है। 

संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त

ट्रिब्यूनल को केंद्र सरकार ने संगठन के खिलाफ 98 एफआइआर की एक सूची सौंपी थी। न्यायमूर्ति चंद्रशेखर ने कहा कि इस सूची से स्पष्ट होता है कि यह संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और इसका समर्थन करता है। प्राधिकरण ने आदेश में कहा है कि यासिन मलिक ने लगातार विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। ये नारे राज्‍य की संप्रभुता के खिलाफ थे और बिना किसी संदेह के राष्‍ट्रविरोधी थे। 

यासीन मलिक गिरफ्तार

गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया था और वो इस समय तिहाड़ जेल में है। उसके संगठन जेकेएलएफ पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन करने का आरोप कई बार लगता रहा है। इसे लेकर कई एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या का मामला और मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद के अपहरण का मामला शामिल है। यह संगठन आतंक को बढ़ावा देने के लिए अवैध तरीके से धन मुहैया कराने के लिए जिम्मेवार रहा है। 


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