दो बार के सांसद ओम बिरला पहले नेता नहीं हैं जो होंगे लोकसभा अध्यक्ष
17वीं लोकसभा में राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला लोकसभा के नए अध्यक्ष होंगे। अब तक वे सिर्फ दो बार लोकसभा सदस्य रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आमतौर पर माना जाता है कि संसद के निचले सदन यानी लोकसभा को चलाने के लिए काफी अनुभवी अध्यक्ष की जरूरत होती है। इस अहम जिम्मेदारी को निभाने के लिए ऐसे राजनेता की दरकार होती है जो विधायी कार्यो, नियमों और कानूनों में सिद्धहस्त होता है। कोई नेता इसमें तभी पारंगत माना जाता है जब वह कई बार संसद के किसी सदन का सदस्य बन चुका होता है।
17वीं लोकसभा में राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला लोकसभा के नए अध्यक्ष होंगे। अब तक वे सिर्फ दो बार लोकसभा सदस्य रहे हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई कम संसदीय अनुभव वाले किसी राजनेता को इस पद पर बैठाया गया हो। आइए, पूर्व के लोकसभा अध्यक्षों के संसदीय अनुभवों पर डालते हैं एक नजर :
लोकसभा अध्यक्ष संसदीय अनुभव
जीवी मावलंकर (1952), एक बार
एमए अयंगर (1956), एक बार
सरदार हुकुम सिंह (1962), तीन बार
नीलम संजीव रेड्डी (1967), एक बार
गुरुदयाल सिंह ढिल्लन (1967), एक बार
बलिराम भगत (1977), चार बार
केएस हेगड़े (1977), एक बार
बलराम जाखड़ (1980), दो बार
रवि रॉय (1989), एक बार
शिवराज पाटिल (1991), पांच बार
पीए संगमा (1996), तीन बार
सीएम बालयोगी (1996), एक बार
मनोहर जोशी (2002) , एक बार
मीरा कुमार (2009), तीसरी बार
सुमित्रा महाजन (2014), सातवीं बार
लोकसभा अध्यक्षों का संसदीय कार्यकाल उनके पद पर बनने से पहले का है।
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