टीआरएस ने किया रूख स्पष्ट, कहा- राजग से न शत्रुता और न दोस्ताना, मुद्दों पर देंगे समर्थन
तेलंगाना में सत्तारू़ढ़ टीआरएस ने कहा है कि केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार से उसकी न तो शत्रुता है और न ही दोस्ताना। वह मुद्दों के आधार पर उसे समर्थन देगी।
हैदराबाद, एजेंसी। तेलंगाना में सत्तारू़ढ़ टीआरएस ने कहा है कि केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार से उसकी न तो शत्रुता है और न ही दोस्ताना। वह मुद्दों के आधार पर उसे समर्थन देगी। अगले हफ्ते शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले पार्टी ने अपना रख स्पष्ट कर दिया है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के संसदीय दल के नेता पद पर बरकरार रहने वाले के. केशव राव से पूछा गया था कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता वाली पार्टी की राजग को लेकर क्या नीति रहेगी? इस पर राज्यसभा सदस्य केशव राव ने कहा कि निश्चित तौर पर मुद्दों पर आधारित समर्थन देंगे। पिछली राजग सरकार के वक्त की यही नीति लागू रहेगी। याद रहे कि टीआरएस ने पिछली राजग सरकार की नोटबंदी, जीएसटी नीति के समर्थन के साथ ही राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी राजग का साथ दिया था।
गुरुवार को चंद्रशेखर राव ने अपने सांसदों को पार्टी की रणनीति से अवगत करा दिया है। नौ सीटें हैं टीआरएस की हालिया लोस चुनाव में टीआरएस ने दावा किया था कि वह तेलंगाना की 17 लोस सीटों में से 16 सीटें जीतेगी व एक उसकी सहयोगी एआईएमआईएम जीतेगी। जबकि असल में वह नौ सीटें जीती है, जबकि पिछली बार की मात्र एक सीट के मुकाबले भाजपा ने आश्चर्यजनक रूप से चार सीटें जीती हैं।
कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं। पिछले साल से चंद्रशेखर राव गैर भाजपा, गैर कांग्रेस गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी लोस चुनाव के नतीजे त्रिशंकु आएंगे। लेकिन नतीजे आने के बाद भाजपा नीत राजग की प्रचंड जीत के बाद सुर नरम पड़ गए हैं।
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