त्रिपुरा सरकार का फरमान, अफसरों के जींस और सनग्लास पर लगी रोक
राज्य के अफसरों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान ड्रेस कोड का पालन करने को कहा है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपल्ब देब फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वह ड्रेस कोड के आदेश को लेकर चर्चा में छाए हुए हैं। उन्होंने राज्य के अफसरों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान ड्रेस कोड का पालन करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के जींस और काला चश्मा पहनने पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फरमान की विपक्षी दलों ने आलोचना की है।
प्रदेश के मुख्य सचिव सुशील कुमार द्वारा जारी एक फरमान के मुताबिक, अधिकारी बैठकों के दौरान कैजुअल कपड़े जैसे जींस, कार्गो पैंट्स और सनग्लासेस नहीं पहनें। कुछ अधिकारी बैठक के दौरान अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं, यह अनादर का प्रतीक है। यह फरमान 20 अगस्त को जारी किया गया था।
राजस्व, शिक्षा एवं सूचना व संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव सुशील कुमार की ओर से जारी दिशानिर्देश में अधिकारियों से राज्यस्तरीय बैठकों के दौरान ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठकों या दूसरी उच्चस्तरीय बैठकों में ड्रेस कोड का सम्मान किया जाना चाहिए है। जींस और ऐसी ही दूसरी पोशाक पहनने से बचना चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है कि कुछ अधिकारी बैठक के दौरान अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं, यह अनादर का प्रतीक है। हालांकि यह फरमान 20 अगस्त को जारी किया गया था। इससे पहले पहले मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने भी अधिकारियों को जेबों से हाथ बाहर रखने के लिए कहा था।