इन पूर्व मंत्रियों ने की केरल बाढ़ त्रासदी की न्यायिक जांच कराने की मांग
आरएसपी नेता प्रेमचंद्रन के अनुसार, अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण राज्य में यह विनाशकारी बाढ़ आई।
तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। केरल बाढ़ त्रासदी को मानव निर्मित आपदा करार देते हुए राज्य के तीन पूर्व मंत्रियों ने इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस, केरल कांग्रेस-मणि और आरएसपी से जुड़े इन पूर्व जल संसाधन मंत्रियों ने यह आवाज ऐसे समय उठाई है, जब केरल हाई कोर्ट इसी तरह की आरोप वाली एक जनहित याचिका पर विचार कर रहा है।
कांग्रेस नेता तिरुवंचूर राधाकृष्णन, पीजे जोसेफ (केरल कांग्रेस-मणि) और कोल्लम के सांसद एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी) का कहना है कि केरल में आई विनाशकारी बाढ़ से पूरा सूबा तबाह हो गया है। यह प्राकृतिक नहीं, मानव निर्मित आपदा थी। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। तीनों नेता राज्य के पूर्व जल संसाधन मंत्री रहे हैं। आरएसपी नेता प्रेमचंद्रन के अनुसार, अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण राज्य में यह विनाशकारी बाढ़ आई।
डैम सेफ्टी अथॉरिटी और केरल स्टेट डिसास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बांध के पानी को नियंत्रित करने के लिए अपना दिमाग नहीं लगाया और पानी छोड़ दिया। कांग्रेस नेता राधाकृष्णन का कहना है कि वे लोग बाढ़ पर राजनीति नहीं कर रहे हैं बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं होने पाए। इससे पूर्व केरल हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में भी आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने बांध के पानी को नियंत्रित करने की कोई कोशिश नहीं की और इस कारण पूरे राज्य को बाढ़ की त्रासदी का सामना करना पड़ा।