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कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर किया विरोध प्रदर्शन, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का किया समर्थन

कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 12:02 AM (IST)
कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर किया विरोध प्रदर्शन, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का किया समर्थन
कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के अन्य सांसद इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की नारेबाजी

संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के बाहर हुए इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के दोनों सदनों के सदस्यों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। तख्तियां और होर्डिग लिए हुए कांग्रेस सांसदों ने आंदोलनकारी किसानों और उनकी मांगों के समर्थन में भी नारे लगाए। 

राहुल बोले, सब याद रखा जाएगा

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, राहुल गांधी ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन संकट को लेकर केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने 'आक्सीजन शार्टेज' हैशटैग के साथ ट्वीट किया, सब याद रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें लोगों को आक्सीजन सिलेंडर की खोज करते देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि कृषि सुधार के कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से सरकार एक बार फिर बातचीत को तैयार हो गई है। जंतर-मंतर पर जहां आंदोलनकारी किसान संगठनों की किसान संसद लगी, वहीं संसद परिसर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि उन्हें वार्ता में खुले मन से आना चाहिए। सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है। अगर कृषि कानूनों में कोई आपत्तिजनक प्रविधान है तो सरकार उसके समाधान के लिए तैयार है। वैसे ये कानून किसानों के हित में हैं और फायदेमंद हैं।

मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता के लिए आगे आएं।

कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से आंदोलन करने वाले किसान संगठनों की जिद इन कानूनों को रद करने की है, जबकि सरकार इन कानूनों की खामियों पर उनसे चर्चा करने को तैयार है। इस बारे में कई दौर की वार्ता पहले हो चुकी है। लेकिन किसान संगठनों की जिद के चलते वार्ता में इनके प्रविधानों पर कोई चर्चा ही नहीं हो सकी। इसके चलते कई महीनों से गतिरोध बना हुआ है।


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