माकपा की केंद्रीय समिति में नहीं मिलेगी 75 साल से ज्यादा उम्र वालों को जगह, नई नीति को किया लागू
माकपा ने केंद्रीय समिति के सदस्यों की आयुसीमा 80 साल से घटाकर 75 साल करने का फैसला किया है। केंद्रीय समिति की बैठक में इसका निर्णय लिया गया। यह पार्टी के संबंध में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति है जो पोलित ब्यूरो के सदस्यों का चयन करती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। माकपा ने केंद्रीय समिति के सदस्यों की आयुसीमा 80 साल से घटाकर 75 साल करने का फैसला किया है। केंद्रीय समिति की छह से आठ अगस्त के बीच हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया। यह पार्टी के संबंध में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति है, जो पोलित ब्यूरो के सदस्यों का चयन करती है। पार्टी के 23वें अधिवेशन में अनुमोदन के बाद यह निर्णय प्रभावी हो जाएगा।
नई नीति लागू होने के बाद केरल के सीएम विजयन हो सकते हैं पोलित ब्यूरो से बाहर
अधिवेशन का आयोजन अगले साल अप्रैल में केरल के कन्नूर में किया जाएगा। अप्रैल 2018 में हैदराबाद में हुए पार्टी के अधिवेशन में मौजूदा केंद्रीय समिति का चयन किया गया था। तब समिति सदस्य के लिए अधिकतम उम्र 80 वर्ष रखा गया था। हालांकि, एस. रामचंद्रन पिल्लई को इससे छूट दी गई थी, ताकि उन्हें पोलित ब्यूरो सदस्य बरकरार रखा जाए। मौजूदा 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में रामचंद्रन सबसे उम्रदराज, जबकि 64 वर्षीय मुहम्मद सलीम व नीलोत्पल बसु सबसे कम उम्र के सदस्य हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 76 साल के हैं और नए फैसले से वह पोलित ब्यूरो से बाहर हो सकते हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने निर्णय लिया है कि 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेताओं को केंद्रीय समिति से मुक्त किया जाए। राज्य समिति में सामान्य तौर पर आयुसीमा कम होती है, लेकिन हमने इस पर निर्णय उनके जिम्मे छोड़ दिया है।' केंद्रीय समिति में पिछली बार युवा नेताओं के रूप में मौजूदा महासचिव येचुरी व पूर्व महासचिव प्रकाश करात शामिल किए गए थे। उन्हें वर्ष 1985 में समिति में शामिल किया गया था, तब उनकी उम्र 30 वर्ष के करीब थी।